प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य : सरकार
punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 09:52 AM (IST)
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि 1,25,000 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 (पीएमजीएसवाई-3) की शुरूआत 2019 में की गयी थी और इसके मार्च 2025 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने प्रश्नकाल में पूरक सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई-3 की शुरूआत 2019 में बसावटों को अन्य के साथ ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोड़ने वाली 1,25,000 किलोमीटर सड़कों के समेकन और उन्नयन के लिए की गयी थी।
पीएमजीएसवाई-1 को केंद्र द्वारा 25 दिसंबर 2000 को शुरू किया गया था जिसका मकसद मैदानी क्षेत्रों में 200 लोगों की आबादी वाली बसावटों को बारहमासी सड़क मुहैया कराना है। वहीं पीमएजीएसवाई-2 की शुरूआत 2013 में की गयी थी जिसका लक्ष्य मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किलोमीटर हिस्से का समेकन तथा उन्नयन था।
सरकार ने कहा कि पीएमजीएसवाई-1 और 2 के तहत अधिकतर लंबित कार्य पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में हैं। कई राज्यों ने कोविड लॉकडाउन, ठेके से संबंधित मुद्दों, काम की कम अवधि, वन मुद्दों जैसे कारणों से समय-सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने प्रश्नकाल में पूरक सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई-3 की शुरूआत 2019 में बसावटों को अन्य के साथ ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोड़ने वाली 1,25,000 किलोमीटर सड़कों के समेकन और उन्नयन के लिए की गयी थी।
पीएमजीएसवाई-1 को केंद्र द्वारा 25 दिसंबर 2000 को शुरू किया गया था जिसका मकसद मैदानी क्षेत्रों में 200 लोगों की आबादी वाली बसावटों को बारहमासी सड़क मुहैया कराना है। वहीं पीमएजीएसवाई-2 की शुरूआत 2013 में की गयी थी जिसका लक्ष्य मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किलोमीटर हिस्से का समेकन तथा उन्नयन था।
सरकार ने कहा कि पीएमजीएसवाई-1 और 2 के तहत अधिकतर लंबित कार्य पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में हैं। कई राज्यों ने कोविड लॉकडाउन, ठेके से संबंधित मुद्दों, काम की कम अवधि, वन मुद्दों जैसे कारणों से समय-सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था।
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