रास के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द होने तक ‘संसद टीवी’ पर कार्यक्रम की मेजबानी नहीं करूंगा: थरूर
punjabkesari.in Monday, Dec 06, 2021 - 11:56 AM (IST)
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द होने और संसद की कार्यवाही में द्विदलीय भावना प्रतिबिंबित होने तक वह ‘संसद टीवी’ पर कार्यक्रम की मेजबानी नहीं करेंगे।
थरूर ‘संसद टीवी’ पर ‘टू द प्वाइंट’ नामक शो की मेजबानी करते हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के संसदीय लोकतंत्र की सर्वश्रेष्ठ परंपरा के तहत मैंने संसद टीवी पर कार्यक्रम की मेजबानी करने का निमंत्रण स्वीकार किया और उस सिद्धांत को पुन: रेखांकित किया कि हमारे राजनीतिक मतभेद हमें संसदीय संस्थाओं में एक संसद सदस्य के तौर पर भागीदारी करने से नहीं रोकते।’’
लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा, ‘‘बहरहाल, पिछले सत्र में, आचरण के लिए राज्यसभा सदस्यों को जिस मनमाने ढंग से निलंबित किया गया है, वह संसद की कार्रवाई से जुड़ी द्विदलीय भावना पर सवाल खड़े करता है।’’
इससे पहले, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने संसद टीवी के कार्यक्रम ''मेरी कहानी'' की एंकरिंग नहीं करने का फैसला किया है। चतुर्वेदी राज्यसभा के उन 12 सदस्यों में शामिल हैं, जिन्हें सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए 29 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि संसद के, 29 नवंबर को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
थरूर ‘संसद टीवी’ पर ‘टू द प्वाइंट’ नामक शो की मेजबानी करते हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के संसदीय लोकतंत्र की सर्वश्रेष्ठ परंपरा के तहत मैंने संसद टीवी पर कार्यक्रम की मेजबानी करने का निमंत्रण स्वीकार किया और उस सिद्धांत को पुन: रेखांकित किया कि हमारे राजनीतिक मतभेद हमें संसदीय संस्थाओं में एक संसद सदस्य के तौर पर भागीदारी करने से नहीं रोकते।’’
लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा, ‘‘बहरहाल, पिछले सत्र में, आचरण के लिए राज्यसभा सदस्यों को जिस मनमाने ढंग से निलंबित किया गया है, वह संसद की कार्रवाई से जुड़ी द्विदलीय भावना पर सवाल खड़े करता है।’’
इससे पहले, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने संसद टीवी के कार्यक्रम ''मेरी कहानी'' की एंकरिंग नहीं करने का फैसला किया है। चतुर्वेदी राज्यसभा के उन 12 सदस्यों में शामिल हैं, जिन्हें सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए 29 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि संसद के, 29 नवंबर को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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