यूआईडीएआई दुनिया भर में डिजिटल पहचान प्रणाली के निर्माण के लिए सहयोग पर विचार कर रहा है: सीईओ
punjabkesari.in Friday, Dec 03, 2021 - 01:47 PM (IST)
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) दुनिया भर में डिजिटल पहचान प्रणाली के निर्माण के लिए दूसरे देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने पर विचार कर रहा है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग ने ''इन्फिनिटी मंच'' कार्यक्रम में पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के साथ एक पैनल चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण सुरक्षा बढ़ाने और आधार का उपयोग करके किए जा सकने वाले लेनदेन की संख्या बढ़ाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकी की तलाश कर रहा है।
गर्ग ने कहा, "हमें लगता है कि आगे हमें दूसरे देशों के साथ सहयोग करने में खुशी होगी ... हम राष्ट्रीय पहचान के मानकों के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के निर्माण में भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना चाहते हैं। हम भविष्य में विभिन्न देशों के साथ सहयोग करने और यह तय करने के लिए उत्साहित हैं कि सशक्तिकरण का माध्यम बनने वाली डिजिटल पहचान दुनिया भर में उपलब्ध हो।"
उन्होंने कहा कि भारत में 99.5 प्रतिशत आबादी के पास अब आधार संख्या है और विभिन्न लेनदेन को सत्यापित करने के लिए दैनिक आधार पर पांच करोड़ प्रमाणीकरण किया जाता है।
इससे पहले गर्ग ने बृहस्पतिवार को एक अलग कार्यक्रम में कहा था कि यूआईडीएआई अन्य देशों में आधार संरचना के निर्माण के लिए विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग ने ''इन्फिनिटी मंच'' कार्यक्रम में पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के साथ एक पैनल चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण सुरक्षा बढ़ाने और आधार का उपयोग करके किए जा सकने वाले लेनदेन की संख्या बढ़ाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकी की तलाश कर रहा है।
गर्ग ने कहा, "हमें लगता है कि आगे हमें दूसरे देशों के साथ सहयोग करने में खुशी होगी ... हम राष्ट्रीय पहचान के मानकों के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के निर्माण में भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना चाहते हैं। हम भविष्य में विभिन्न देशों के साथ सहयोग करने और यह तय करने के लिए उत्साहित हैं कि सशक्तिकरण का माध्यम बनने वाली डिजिटल पहचान दुनिया भर में उपलब्ध हो।"
उन्होंने कहा कि भारत में 99.5 प्रतिशत आबादी के पास अब आधार संख्या है और विभिन्न लेनदेन को सत्यापित करने के लिए दैनिक आधार पर पांच करोड़ प्रमाणीकरण किया जाता है।
इससे पहले गर्ग ने बृहस्पतिवार को एक अलग कार्यक्रम में कहा था कि यूआईडीएआई अन्य देशों में आधार संरचना के निर्माण के लिए विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहा है।
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