लॉकडाउन के बाद बच्चों में ऑनलाइन खेलों की बढ़ी लत चिंता का विषय, नियामक बनाया जाए: सुशील मोदी

punjabkesari.in Friday, Dec 03, 2021 - 03:19 PM (IST)

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने युवाओं में ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते प्रचलन, विशेषकर लॉकडाउन लगने के बाद से इसमें बच्चों द्वारा अधिक समय लगाये जाने पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस पर नियंत्रण के लिए व्यापक विनियामक नीति बनाए जाने की मांग की।

राज्यसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग अब तो जुआ और सट्टे में तब्दील हो गया है। उन्होंने इस पर एक समान कर लागू करने का भी सुझाव दिया।

मोदी की इस मांग का राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया और सदन में मौजूद संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा कि वह इस मामले पर ध्यान दें और कानून मंत्री से विमर्श करके आवश्यक कदम उठाएं।

मोदी ने कहा कि ऑनलाइन खेल बड़ी चिंता का विषय हैं क्योंकि करोड़ों युवा इस लत की चपेट में आ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘क्रिप्टो उद्योग की तरह इस क्षेत्र में भी नियामक का अभाव है। इसलिए मैं सरकार से आग्रह करना चाहूंगा कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक समान कर लागू किया जाए। मैं आग्रह करता हूं कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर व्यापक विनियामक नीति बनाए।’’
उन्होंने कहा कि यदि इस पर कोई नियंत्रण नहीं होगा तो बच्चों को इस लत से छुटकारा दिलाना परेशनी का सबब बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले मोबाइल गेम पर बच्चे औसतन 2.5 घंटे प्रत्येक सप्ताह समय बिताते थे जो लॉकडाउन के समय बढ़कर चार घंटे हो गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज 43 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि 2025 तक यह आंकड़ा 65.7 करोड़ हो जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग से इस उद्योग ने 43.3 करोड़ उपयोगकर्ताओं से इस वित्तीय वर्ष में 13,600 करोड़ रुपये कमाए और वित्तीय वर्ष 2025 में 65.7 करोड़ उपयोगकर्ताओं से इस उद्योग की कमाई 29,000 करोड़ पहुंच सकती है।’’
मोदी ने कहा कि भारत में मोबइल गेम डाउनलोड की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है।

मोदी ने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए थे लेकिन इन राज्यों के संबंधित उच्च न्यायालयों ने इसे खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन खेलों पर नियंत्रण के लिए एक व्यापक विनियामक नीति तैयार करे सरकार... एक नियामक बनना चाहिए... नहीं तो इस देश के करोड़ों बच्चों को ऑनलाइन गेम की आदतों से हम रोक नहीं पाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में आज करोड़ों युवा लूडो किंग, रमी, पोकर और ड्रीम 11 जैसे ऑनलाइन खेल खेल रहे हैं।



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