दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती परियोजना को मिले यूनेस्को के दो पुरस्कार

punjabkesari.in Thursday, Dec 02, 2021 - 04:35 PM (IST)

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) दिल्ली के ऐतिहासिक निजामुद्दीन बस्ती समुदाय के समग्र शहरी पुनरुद्धार की एक परियोजना को इस साल यूनेस्को द्वारा ‘धरोहर संरक्षण के लिए एशिया-प्रशांत पुरस्कार’ की दो श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की ओर से कहा गया कि इस परियोजना को प्रतिष्ठित ‘एवार्ड ऑफ एक्सीलेंस’ और ‘स्पेशल रिकग्निशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ श्रेणी में एक अन्य पुरस्कार दिया गया है। छह देशों- बांग्लादेश, चीन, भारत, जापान, मलेशिया और थाईलैंड की नौ परियोजनाओं को धरोहर विशेषज्ञों की एक समिति ने सम्मानित किया।
यूनेस्को बैंकाक की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि एशिया प्रशांत के 12 देशों से प्राप्त कुल 39 आवेदनों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों ने नवंबर में ऑनलाइन माध्यम से बैठक की। चीन के जियांग शी में स्थित ‘जिंगडेझेन पेंगजिया ऐली कम्पाउंड’ और जापान के मियागी में केसेनुमा ऐतिहासिक सिटीस्केप को ‘एवार्ड ऑफ डिस्टिंक्शन’ दिया गया है।
इसके अलावा बांग्लादेश के ढाका में स्थित डोलेश्वर हनफिया जामे मस्जिद, मलेशिया के पेनांग में स्थित थाई पाक कूंग मंदिर और थाईलैंड के पत्तनी में बान खुन फिथक राया को ‘एवार्ड ऑफ मेरिट’ प्रदान किया गया।
बयान में कहा गया, “निर्णायक मंडल ने सतत विकास के एजेंडे में धरोहर को उल्लेखनीय स्थान देने के लिए निजामुद्दीन बस्ती की सराहना की और कहा कि नवाचार युक्त लोक-जन-निजी भागीदारी वाले मॉडल के जरिये परियोजना ने सामाजिक आर्थिक चुनौतियों से मुकाबला किया और विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा देखभाल में सुधार किया।” इस परियोजना की शुरआत दिल्ली में 2007 में की गई थी।

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PTI News Agency

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