वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि पूर्वानुमान 9.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तितः एस एंड पी
punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 10:00 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) वैश्विक रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 9.5 प्रतिशत के स्तर पर ही बरकरार रखा है।
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में महामारी से जुड़ी बंदिशें धीरे-धीरे हटने से अर्थव्यवस्था को पुराने रूप में लौटने में मदद मिली है। वर्ष 2020-21 में महामारी के व्यापक असर से अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत कोरोनावायरस के साथ जीना सीख रहा है। साल के मध्य में संक्रमण के मामले चरम पर थे लेकिन अब उनकी संख्या में खासी गिरावट आई है जिससे आवाजाही सुधरी है, उपभोक्ता एवं कारोबारी विश्वास भी बेहतर हुआ है।"
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि बढ़ी मुद्रास्फीति भारत के लिए एक दबाव का मुद्दा है लेकिन बाह्य मांग आने से वृद्धि को समर्थन मिलना जारी है। ऐसी स्थिति में एस एंड पी ने वर्ष 2021-22 के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमान को 9.5 प्रतिशत पर ही अपरिवर्तित रखने की बात कही है।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही उसने वर्ष 2023-24 के लिए वृद्धि दर का पूर्वानुमान 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में महामारी से जुड़ी बंदिशें धीरे-धीरे हटने से अर्थव्यवस्था को पुराने रूप में लौटने में मदद मिली है। वर्ष 2020-21 में महामारी के व्यापक असर से अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत कोरोनावायरस के साथ जीना सीख रहा है। साल के मध्य में संक्रमण के मामले चरम पर थे लेकिन अब उनकी संख्या में खासी गिरावट आई है जिससे आवाजाही सुधरी है, उपभोक्ता एवं कारोबारी विश्वास भी बेहतर हुआ है।"
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि बढ़ी मुद्रास्फीति भारत के लिए एक दबाव का मुद्दा है लेकिन बाह्य मांग आने से वृद्धि को समर्थन मिलना जारी है। ऐसी स्थिति में एस एंड पी ने वर्ष 2021-22 के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमान को 9.5 प्रतिशत पर ही अपरिवर्तित रखने की बात कही है।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही उसने वर्ष 2023-24 के लिए वृद्धि दर का पूर्वानुमान 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया है।
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