जब तक क्षमा नहीं मांगते, निलंबित सदस्यों को माफ नहीं किया जा सकता: गोयल

punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 03:57 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) ‘अनुचित आचरण’ के लिए राज्यसभा से 12 सदस्यों के निलंबन का जहां विपक्षी दल भारी विरोध कर रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस फैसले को उचित ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि कम से कम इतना तो जरूरी था।

केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनका यह कहना कि निलंबित सदस्य किस बात की माफी मांगे, दर्शाता है कि वह सदन में महिला सुरक्षाकर्मियों हमले जैसी आचरण को जायज ठहरा रहे हैं।

संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा कि राहुल गांधी को यह क्यों नहीं लगता कि उन्हें (निलंबित सदस्यों) माफी मांगनी चाहिए या वह उनके आचरण को जायज ठहरा रहे हैं?
राहुल गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन की पृष्ठभूमि में कहा कि संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए माफी बिल्कुल नहीं मांगी जा सकती।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!’’
दरअसल, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे पहले कहा था कि निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को ‘दुर्व्यवहार’ के लिए उच्च सदन के भीतर माफी मांगनी चाहिए।

गोयल ने 12 निलंबित सांसदों के सदन में किए गए व्यव्हार की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जब तक वह माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें माफ नहीं किया जा सकता।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने ना सिर्फ सदन का बल्कि सभापति का भी अपमान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर जब अपना रुख रखा तब उन्होंने सभापमि एम वेंकैया नायडू के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता ने निलंबित सदस्यों के आचरण पर कोई खेद भी प्रकट नहीं किया। सदस्यों के आचरण पर कोई दुख भी नहीं जताया। बल्कि बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं... सदन पर... आसन पर।’’
ज्ञात हो कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।

उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।



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PTI News Agency

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