विपक्षी दलों ने सांसदों के निलंबन की निंदा की, आगे की रणनीति के लिए मंगलवार को करेंगे बैठक
punjabkesari.in Monday, Nov 29, 2021 - 06:03 PM (IST)
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार के इस ‘अधिनायकवादी फैसले’ के खिलाफ आगे की रणनीति तय करने के लिए वे, मंगलवार को बैठक करेंगे।
कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल (सेक्युलर), एमडीएमके, तेलंगाना राष्ट्र समिति, और आम आदमी पार्टी ने संयुक्त बयान जारी कर सांसदों के निलंबन की निंदा की है।
इन्होंने कहा, ‘‘पिछले सत्र की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सांसदों को निलंबित करने के लिए सरकार की ओर से लाया गया प्रस्ताव अप्रत्याशित और राज्यसभा के कामकाज एवं प्रक्रियाओं से संबंधित नियमों का उल्लंघन है।’’
विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे और सरकार के अधिनायकवादी फैसले का विरोध करने तथा संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे के कदम पर विचार करेंगे।’’
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 राज्यसभा सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया।
उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल (सेक्युलर), एमडीएमके, तेलंगाना राष्ट्र समिति, और आम आदमी पार्टी ने संयुक्त बयान जारी कर सांसदों के निलंबन की निंदा की है।
इन्होंने कहा, ‘‘पिछले सत्र की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सांसदों को निलंबित करने के लिए सरकार की ओर से लाया गया प्रस्ताव अप्रत्याशित और राज्यसभा के कामकाज एवं प्रक्रियाओं से संबंधित नियमों का उल्लंघन है।’’
विपक्षी दलों ने कहा, ‘‘राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे और सरकार के अधिनायकवादी फैसले का विरोध करने तथा संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे के कदम पर विचार करेंगे।’’
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 राज्यसभा सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के लिए, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया।
उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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