सेबी ने खुलासा अनिवार्यता के उल्लंघन पर जुर्माने से संबंधित नियमों में संशोधन किया
punjabkesari.in Tuesday, Nov 23, 2021 - 11:10 PM (IST)
नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) पूंजी बााजार नियामक सेबी ने मंगलवार को खुलासा नियमों के उल्लंघन में शेयर बाजारों द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने से संबंधित नियमों में संशोधन किया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अगस्त, 2019 में एक परिपत्र जारी कर पूंजी निर्गम और खुलासा जरूरतों (आईसीडीआर) के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर शेयर बाजारों की तरफ से लगाये जाने वाले जुर्माना को स्पष्ट किया था।
ये जुर्माना सूचीबद्ध इकाइयों द्वारा बोनस जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने में देरी और परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के रूपांतरण को पूरा नहीं करने तथा ऐसी प्रतिभूतियों के आबंटन की तारीख से 18 महीने के भीतर शेयरों के आबंटन में विलंब से संबंधित थे।
इसके तहत,खुलासा नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियों को अनुपालन की तारीख तक 20,000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना देने की जरूरत थी।
सेबी ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा कि अगर निवेशकों के हित पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है, तो शेयर बाजार अगस्त, 2019 में जारी रूपरेखा से अलग रुख अपना सकते हैं।
नियामक ने कहा, ‘‘अगर निवेशकों के हित पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है तो, शेयर बाजार अगस्त, 2019 में जारी रूपरेखा से अलग रुख अपना सकते हैं। अगर जरूरत लगे तो वे केवल लिखित में कारण मांग सकते हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अगस्त, 2019 में एक परिपत्र जारी कर पूंजी निर्गम और खुलासा जरूरतों (आईसीडीआर) के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर शेयर बाजारों की तरफ से लगाये जाने वाले जुर्माना को स्पष्ट किया था।
ये जुर्माना सूचीबद्ध इकाइयों द्वारा बोनस जारी करने की प्रक्रिया पूरी करने में देरी और परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के रूपांतरण को पूरा नहीं करने तथा ऐसी प्रतिभूतियों के आबंटन की तारीख से 18 महीने के भीतर शेयरों के आबंटन में विलंब से संबंधित थे।
इसके तहत,खुलासा नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियों को अनुपालन की तारीख तक 20,000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना देने की जरूरत थी।
सेबी ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा कि अगर निवेशकों के हित पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है, तो शेयर बाजार अगस्त, 2019 में जारी रूपरेखा से अलग रुख अपना सकते हैं।
नियामक ने कहा, ‘‘अगर निवेशकों के हित पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है तो, शेयर बाजार अगस्त, 2019 में जारी रूपरेखा से अलग रुख अपना सकते हैं। अगर जरूरत लगे तो वे केवल लिखित में कारण मांग सकते हैं।’’
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