निगरानी क्षमता बढ़ाएगी नौसेना, मानवरहित यान करेगी हासिल
punjabkesari.in Sunday, Nov 21, 2021 - 08:24 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ाने के चीन के प्रयासों की पृष्ठभूमि में भारतीय नौसेना ने अपनी निगरानी क्षमता उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए अगले कुछ वर्षों में काफी संख्या में मानवरहित यान और पानी के नीचे चलने वाले प्लेटफॉर्म हासिल करने की योजना बनाई है। यह जानकारी इसके बारे में जानकारी रखने वालों लोगों ने रविवार को दी।
इन लोगों ने कहा कि खरीद मानवरहित प्लेटफॉर्म संबंधी रोडमैप के तहत की जाएगी जिसे पिछले महीने नौसेना के शीर्ष कमांडरों के एक सम्मेलन में अंतिम रूप दिया गया था। उक्त सम्मेलन में आधुनिक युग के प्लेटफॉर्म की खरीद की आवश्यकता पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।
उपरोक्त लोगों में से एक ने कहा, ‘‘रोडमैप मानवरहित प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए मांग को पूरा करने के लिए एक दिशा प्रदान करता है।’’
हालांकि नौसेना मुख्य रूप से देश के भीतर से मानवरहित प्लेटफॉर्म प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, लेकिन यह वैश्विक बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम ड्रोन और अन्य संबंधित प्रणालियों को भी देखेगी।
दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘‘हिंद महासागर क्षेत्र में घटनाक्रम को देखते हुए मुख्य जोर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों में निगरानी बढ़ाने पर होगा।’’
लोगों ने कहा कि मुख्य ध्यान पनडुब्बी विध्वंसक आयुध (एएसडब्ल्यू), निगरानी और टोह लेने के क्षेत्रों में क्षमता बढ़ाने पर रहा है। उन्होंने कहा कि मानवरहित प्लेटफॉर्म के लिए रोडमैप के साथ, तीसरे विमानवाहक पोत को इस तरह से डिजाइन किया जाना है कि उस पर लड़ाकू विमानों और ड्रोन के एक बेड़े, दोनों को समायोजित किया जा सके।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और जम्मू वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बल सशस्त्र ड्रोन सहित मानवरहित प्लेटफॉर्म की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
संबंधित लोगों ने कहा कि भारतीय नौसेना अमेरिका से 30 बहुउद्देश्यीय सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर भी जोर दे रही है, जिस पर लगभग 22,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल मार्च तक सौदे को मंजूरी दे सकती है।
अगले महीने तक रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) द्वारा हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस एमक्यू-9बी ड्रोन हासिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की संभावना है।
हालांकि खरीद प्रस्ताव को भारतीय नौसेना द्वारा पेश किया गया है, लेकिन सेना के तीनों अंगों में से प्रत्येक को 10 ड्रोन मिलने की उम्मीद है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इन लोगों ने कहा कि खरीद मानवरहित प्लेटफॉर्म संबंधी रोडमैप के तहत की जाएगी जिसे पिछले महीने नौसेना के शीर्ष कमांडरों के एक सम्मेलन में अंतिम रूप दिया गया था। उक्त सम्मेलन में आधुनिक युग के प्लेटफॉर्म की खरीद की आवश्यकता पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।
उपरोक्त लोगों में से एक ने कहा, ‘‘रोडमैप मानवरहित प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए मांग को पूरा करने के लिए एक दिशा प्रदान करता है।’’
हालांकि नौसेना मुख्य रूप से देश के भीतर से मानवरहित प्लेटफॉर्म प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, लेकिन यह वैश्विक बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम ड्रोन और अन्य संबंधित प्रणालियों को भी देखेगी।
दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘‘हिंद महासागर क्षेत्र में घटनाक्रम को देखते हुए मुख्य जोर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलमार्गों में निगरानी बढ़ाने पर होगा।’’
लोगों ने कहा कि मुख्य ध्यान पनडुब्बी विध्वंसक आयुध (एएसडब्ल्यू), निगरानी और टोह लेने के क्षेत्रों में क्षमता बढ़ाने पर रहा है। उन्होंने कहा कि मानवरहित प्लेटफॉर्म के लिए रोडमैप के साथ, तीसरे विमानवाहक पोत को इस तरह से डिजाइन किया जाना है कि उस पर लड़ाकू विमानों और ड्रोन के एक बेड़े, दोनों को समायोजित किया जा सके।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और जम्मू वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बल सशस्त्र ड्रोन सहित मानवरहित प्लेटफॉर्म की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
संबंधित लोगों ने कहा कि भारतीय नौसेना अमेरिका से 30 बहुउद्देश्यीय सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर भी जोर दे रही है, जिस पर लगभग 22,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल मार्च तक सौदे को मंजूरी दे सकती है।
अगले महीने तक रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) द्वारा हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस एमक्यू-9बी ड्रोन हासिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की संभावना है।
हालांकि खरीद प्रस्ताव को भारतीय नौसेना द्वारा पेश किया गया है, लेकिन सेना के तीनों अंगों में से प्रत्येक को 10 ड्रोन मिलने की उम्मीद है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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