डब्ल्यूटीओ में ''''खास एवं अलग बर्ताव'''' पर विकसित देशों का रुख अनुचितः गोयल

punjabkesari.in Saturday, Nov 20, 2021 - 02:29 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि गरीब एवं विकासशील देशों के साथ ''खास एवं अलग बर्ताव'' को विकसित देशों द्वारा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सुधारों से जोड़ना अनुचित है।
गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम में कहा कि आज दुनिया को भी यह देखना होगा कि कुछ देश सही मायने में वैश्विक व्यापार नियमों का पारदर्शी एवं निष्पक्ष ढंग से पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ को अपने कामकाज की समीक्षा करने की जरूरत है।
डब्ल्यूटीओ की तरफ से गरीब एवं विकासशील देशों को व्यापार संबंधी कई प्रावधानों में छूट दी जाती है जिसे खास एवं भेदकारी बर्ताव कहा जाता है। ऐसा उनके लिए अधिक व्यापार अवसर पैदा करने के इरादे से किया जाता है। फिलहाल यह व्यवस्था है कि कोई भी देश खुद को विकासशील देश घोषित कर यह छूट ले सकता है।।

लेकिन अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि स्व-घोषणा से डब्ल्यूटीओ वार्ता नाकामी की तरफ बढ़ रही है और इस संगठन की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

वहीं भारत का मत है कि इस मसले पर डब्ल्यूटीओ के भीतर गहन विचार-विमर्श की जरूरत है और सभी सदस्यों को आम सहमति से खास बर्ताव के मुद्दे पर कोई निर्णय लेना चाहिए।

गोयल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि डब्ल्यूटीओ को अपने कामकाज के तरीके की समीक्षा करने की जरूरत है। समस्या यह है कि विकसित देश सुधारों की बात करते हैं और फिर उसे खास बर्ताव वाले प्रावधान से जोड़ देते हैं। इससे विकासशील देशों को थोड़े फायदे मिलते हैं।’’
उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को इन लाभों से वंचित कर विकसित देशों वाले पैमाने लागू करने की कोशिश पूरी तरह अनुचित है।



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PTI News Agency

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