कानूनी विशेषज्ञों ने पेगासस जासूसी विवाद की जांच के न्यायालय के आदेश की सराहना की

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 07:28 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) कानूनी विशेषज्ञों ने कुछ खास भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की समिति गठित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले की बुधवार को सराहना की।

न्यायालय ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक की निजता को सुरक्षा प्रदान करना जरूरी है और ‘‘सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा’’ की दुहाई देने भर से न्यायालय ‘‘मूक दर्शक’’ बना नहीं रह सकता।

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे, राकेश द्विवेदी, गीता लूथरा ने एक स्वर में शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष दवे ने फैसले को ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि आदेश सरकार को यह चेतावनी देने के संदर्भ में लंबा सफर तय करेगा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में नागरिकों की जासूसी नहीं कर सकती।
लूथरा ने व्यक्तियों की स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया, जबकि द्विवेदी ने इसे याचिकाकर्ताओं की जीत बताया।
दवे ने कहा, ‘‘फैसला सचमुच में ऐतिहासिक है और यह भारत के उच्चतम न्यायालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि शीर्ष अदालत न सिर्फ गैरकानूनी व असंवैधानिक जासूसी की शिकायत करने वाले नागरिकों के साथ खड़ी रही , बल्कि उसने आरोपों की व्यापक जांच का भी आदेश दिय है। ’’
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने निजता के अधिकार का संरक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि देश में कानून का शासन कायम रहे तथा संवैधानिक मूल्यों का सरकार तथा निजी एजेंसियों द्वारा सम्मान किया जाए।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सरकार की तथा कथित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी दलील को स्वीकार नहीं कर बहुत अच्छा किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बना कर न्यायालय को समिति गठित करने से दूर रखने की कोशिश की।
संवैधानिक कानून विशेषज्ञ द्विवेदी ने कहा, ‘‘आदेश में ऐसी कई महत्वपूर्ण टिप्पणी है कि महज राष्ट्रीय सुरक्षा का नारा लगा कर आप (सरकार) अदालत को निगरानी करने से नहीं रोक सकते।’’
लूथरा ने कहा, ‘‘राज्य की सुरक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण व्यक्ति की स्वतंत्रता भी है।’’


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PTI News Agency

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