पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को आयोग की मंजूरी मिलने पर इसकी घोषणा करूंगा :अमरिंदर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 05:45 PM (IST)

चंडीगढ़, 27 अक्टूबर (भाषा) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि वह एक नयी पार्टी बना रहे हैं और इसके नाम व चुनाव चिह्न को निर्वाचन आयोग की मंजूरी मिल जाने पर वह इसकी घोषणा करेंगे। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई लोग उनसे संपर्क में हैं।
सिंह ने पिछले महीने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं एक पार्टी का गठन कर रहा हूं। जब निर्वाचन आयोग नाम और चिह्न को मंजूरी दे देगा, तभी जाकर मैं आपको इसकी जानकारी दे सकूंगा। आयोग की मंजूरी का इंतजार करिए।’’
उन्होंने यह भी कहा कि वह केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे के हल के लिए बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे।

सिंह ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सत्ता की रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के कई लोग उनसे संपर्क में हैं और समय आने पर वे सामने आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘बेशक कई लोग संपर्क में हैं। हम उपयुक्त क्षण का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मैं उनका नाम नहीं बताऊंगा क्योंकि मेरे समर्थकों को प्रताड़ित किया जा रहा है।’’
यह पूछे जाने पर कि कितने विधायक उनके संपर्क में हैं, सिंह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को पंजाब के कांग्रेस विधायकों से सिलसिलेवार बैठकें करनी पड़ रही है, इसका क्या मतलब है? ’’
अभी तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कांग्रेस में 50 साल बिताये हैं, यदि मैं और 10 दिन उसमें रूकूं तो क्या फर्क पड़ता है?’’
उल्लेखनीय है कि सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाएंगे और अगर तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हित में कुछ समाधान निकलता है तो वह भाजपा के साथ 2022 के चुनाव में सीटों के समझौते को लेकर आशान्वित हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा के साथ जाने की बात कभी नहीं कही है और वह सिर्फ सीट साझेदारी चाहते हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘सैन्य भाषा में इसका अर्थ बलों के सकेंद्रन से है।’’ हालांकि, भगवा पार्टी से इस बारे में अभी तक बात नहीं की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ जाने का उनका कोई इरादा नहीं है, वह सिर्फ इससे अलग हो चुके अकाली समूहों के साथ जा सकते हैं।
शिअद (संयुक्त) प्रमुख सुखदेव सिंह ढींढसा के उनके साथ गठजोड़ करने से कथित तौर पर इनकार करने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘यदि ढींढसा को असली लड़ाई लड़नी है तो उन्हें अपने बलों का भी सकेंद्रन करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को हराने के लिए, शिअद, आम आदमी पार्टी, हम सभी को एक संयुक्त ताकत के तौर पर काम करना होगा। ’’
पंजाब में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इस बीच, पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ हम, कांग्रेस के 78 विधायक कभी इस बारे में सोच भी नहीं सकते कि हमें प्रवर्तन निदेशालय नियंत्रित, भाजपा का विश्वस्त मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मिला…, जिसने खुद को बचाने के लिए पंजाब के हितों का सौदा कर लिया! आप पंजाब के न्याय और विकास को रोकने वाली नकारात्मक ताकत थे।’’
सिंह ने हालांकि ट्वीट को रद्दी बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि पद से जबरन हटाये जाने के बाद ही भाजपा के साथ सीट बंटवारा करने का विचार उनके मन में आया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रभावी रूप से कामकाज करने के लिए राज्यों को केंद्र के साथ काम करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धू आगामी विधानसभा चुनाव जिस भी सीट से लड़ेंगे वह उन्हें वहां चुनौती देंगे और हराएंगे।
सिंह ने यह दावा भी किया, ‘‘ जब से सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की बागडोर संभाली है, हमारे सर्वेक्षण के मुताबिक कांग्रेस की लोकप्रियता करीब 25 प्रतिशत घट गई है।’’
सिंह ने अपनी पाकिस्तानी मित्र अरूशा आलम के खिलाफ आरोपों को भी खारिज कर दिया ।
उन्होंने कहा कि आलम उनके पास 16 वर्षो से यात्रा पर आती रही हैं और वह उन्हें फिर से न्यौता देंगे।


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