भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ : मोदी

punjabkesari.in Friday, Oct 22, 2021 - 02:04 PM (IST)

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ पार करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है, साथ ही इसमें कोई ‘‘वीआईपी-संस्कृति’’ भी नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज चारों तरफ एक विश्वास है, उत्साह है, उमंग है तथा समाज से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर तबके में ‘‘आशावाद, आशावाद, आशावाद’’ ही नज़र आता है।
उन्होंने लोगों से आगामी त्यौहारों के दौरान भी मास्क पहनने सहित कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी तरह की लापरवाही न करने की अपील की।
मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप्स में रिकॉर्ड निवेश के साथ ही रिकॉर्ड स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न बन रहे हैं तथा आवास क्षेत्र में भी नई ऊर्जा दिख रही है।

कोविड-19 टीकाकरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि भारत का पूरा टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।

इस बारे में अपनी सरकार के आलोचकों पर तंज करते हुए मोदी ने याद दिलाया कि जब देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दिये जलाए, तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी?
उन्होंने कहा कि लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा तथा इसी ताकत ने कोविड वैक्सीनेशन में आज देश को इतने कम समय में 100 करोड़ तक पहुंचाया है।

मोदी ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूर्व में भारत की क्षमता को लेकर व्यक्त की गई आशंकाओं का भी जिक्र किया ।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा और यहाँ ज़्यादातर लोग टीका लगवाने ही नहीं आएंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘ लेकिन भारत के लोगों ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज लेकर ऐसे लोगों को निरुत्तर कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है- ''सबका साथ'' और सबको साथ लेकर देश ने ''सबको वैक्सीन'', ''मुफ़्त वैक्सीन'' का अभियान शुरू किया।

मोदी ने कहा कि गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि- अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ इसलिए, ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर ‘वीआईपी संस्कृति’’ हावी न हो। कोई कितने ही बड़े पद पर क्यों ना रहा हो, कितना ही धनी क्यों ना रहा हो, उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह ही मिलेगी।’’
उन्होंने लोगों से त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाने और कोविड प्रोटोकाल का पालन करने का आग्रह किया ।
मोदी ने कहा, ‘‘हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है। हमें लापरवाह नहीं होना है। कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते।’’
उन्होंने कहा कि मास्क पहनने को एक सहज स्वभाव बनाना ही होगा। जिनको अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, वो इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें तथा जिन्हें वैक्सीन लग गई है, वो दूसरों को प्रेरित करें।


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