भारत दिसंबर तक मंगलुरु रणनीतिक तेल भंडार का आधा हिस्सा बेचेगा
punjabkesari.in Thursday, Oct 21, 2021 - 07:24 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) भारत ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बोझ को कम करने के लिए अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल को सार्वजनिक क्षेत्र की तेल शोधन कंपनियों को बेचना शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही भंडारण स्थल निजी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को पट्टे पर देने की तैयारी भी है।
भारतीय रणनीतिक पेट्रोल भंडार लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के सीईओ एच पी एस आहूजा ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमने तेल विपणन कंपनियों को बिक्री शुरू कर दी है। इससे भंडार स्थान खाली होगा, जिसे हम फिर पट्टे पर देंगे।’’
मंगलुरु रणनीतिक तेल भंडार में जमा तीन लाख टन अपर जाकुम क्रूड को पहले ही खाली किया जा चुका है और बाकी 4.5 लाख टन तेल इस साल के अंत तक बेचा जाएगा।
आईएसपीआरएल, सार्वजनिक क्षेत्र की मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) को 7.5 लाख टन क्षमता वाला भंडारण स्थल पट्टे पर देगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इसके साथ ही भंडारण स्थल निजी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को पट्टे पर देने की तैयारी भी है।
भारतीय रणनीतिक पेट्रोल भंडार लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के सीईओ एच पी एस आहूजा ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमने तेल विपणन कंपनियों को बिक्री शुरू कर दी है। इससे भंडार स्थान खाली होगा, जिसे हम फिर पट्टे पर देंगे।’’
मंगलुरु रणनीतिक तेल भंडार में जमा तीन लाख टन अपर जाकुम क्रूड को पहले ही खाली किया जा चुका है और बाकी 4.5 लाख टन तेल इस साल के अंत तक बेचा जाएगा।
आईएसपीआरएल, सार्वजनिक क्षेत्र की मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) को 7.5 लाख टन क्षमता वाला भंडारण स्थल पट्टे पर देगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां