जी एंटरटेनमेंट ने कहा, इनवेस्को ने विलय प्रस्ताव के साथ गोयनका से संपर्क किया था

punjabkesari.in Tuesday, Oct 12, 2021 - 11:34 PM (IST)

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसका सबसे बड़ा शेयरधारक इनवेस्को खुद इस साल फरवरी में एक बड़े भारतीय समूह (रणनीतिक समूह) के स्वामित्व वाली कंपनी और कुछ संस्थाओं के साथ विलय के लिए एक प्रस्ताव लेकर आया था, जिसके तहत मूल्यांकन ‘‘कम से कम 10,000 करोड़ रुपये’’ किया गया था।
प्रवर्तक परिवार और इनवेस्को के बीच जारी लड़ाई में जी एंटरटेनमेंट ने कहा कि उसके एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने अपने बोर्ड को विलय के बारे में इनवेस्को द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव के बारे में बताया था, जिसके तहत रणनीतिक समूह के पास बहुमत हिस्सेदारी होती। विलय के बाद बनी इकाई में उन्हें प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बनाने की पेशकश की गई थी और चार प्रतिशत हिस्सेदारी देने की भी बात की गई थी।

जी एंटरटेनमेंट ने शेयर बाजार को दी सूचना में आरोप लगाया कि अपने खुले पत्र में इनवेस्को का रुख कि वे ‘‘किसी भी ऐसे रणनीतिक सौदे का दृढ़ता से विरोध करेंगे, जो सामान्य शेयरधारकों की कीमत पर प्रवर्तक परिवार जैसे चुनिंदा शेयरधारकों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाता है’’ एकदम विरोधाभासी है, क्योंकि कुछ महीने पहले उसने खुद ऐसा प्रस्ताव रखा था।

कंपनी ने आगे कहा कि ऐसे में शेयर बाजारों को इनवेस्को द्वारा गलत सूचना दी गई है।

इनवेस्को से इस पर तुरंत टिप्पणी नहीं मिल सकी है।

इससे पहले इनवेस्को ने जी के शेयरधारकों को एक खुले पत्र में मीडिया कंपनी के निदेशक मंडल (बोर्ड) के पुनर्गठन की अपनी मांग दोहराई थी और कहा कि वह मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुनीत गोयनका और दो अन्य निदेशकों को हटाने के लिए असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की कोशिश करती रहेगी। फर्म में इनवेस्को की 7.74 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

पिछले महीने सोनी ग्रुप कॉर्प की भारतीय इकाई ने जी को खरीदने के लिए एक गैर-बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रस्तावित सौदे में विलय के बाद बनी इकाई में सोनी इंडिया की लगभग 53 प्रतिशत हिस्सेदारी और शेष जी के पास होगी।

विलय पर सवाल उठाते हुए इनवेस्को ने कहा कि गैर-प्रतिस्पर्धी माध्यम से संस्थापक परिवार को अतिरिक्त दो प्रतिशत इक्विटी उपहार में देने की घोषणा पूरी तरह से अनुचित है, और संस्थापक परिवार को अपनी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 करने का रास्ता भी खोलती है।



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PTI News Agency

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