नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जी सी मुर्मू आईएईए के ऑडिटर बने
punjabkesari.in Saturday, Sep 25, 2021 - 10:20 AM (IST)
नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जी सी मुर्मू को शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का बाह्य ऑडिटर चुना गया। आईएईए परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को प्रोत्साहित करने वाला एक प्रतिष्ठित संस्थान है।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, आईएईए की महासभा की बैठक में मुर्मू की उम्मीदवारी को बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ । उनका कार्यकाल साल 2022 से 2027 तक छह वर्षों के लिये होगा ।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ आज भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को विएना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की आम सभा की बैठक में छह वर्ष के कार्यकाल के लिये बाह्य ऑडिटर चुना गया।’’
इसमें कहा गया है कि कैग की उम्मीदवारी को आईएईए की महासभा की बैठक में बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ, जिसके लिये विभिन्न देशों की ओर से प्रतिस्पर्धी दावेदारी पेश की गई थी ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका चुना जाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के रुख को मान्यता और वैश्विक स्तर पर कैग की विश्वसनीयता, पेशेवर तौर तारीकों और अनुभव की स्वीकारोक्ति है।
गौरतलब है कि मुर्मू ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पदभार पिछले वर्ष 8 अगस्त को ग्रहण किया था । इससे पहले, वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल रहे। वह भारत सरकार में विभिन्न पदों पर भी काम कर चुके हैं ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, आईएईए की महासभा की बैठक में मुर्मू की उम्मीदवारी को बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ । उनका कार्यकाल साल 2022 से 2027 तक छह वर्षों के लिये होगा ।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ आज भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को विएना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की आम सभा की बैठक में छह वर्ष के कार्यकाल के लिये बाह्य ऑडिटर चुना गया।’’
इसमें कहा गया है कि कैग की उम्मीदवारी को आईएईए की महासभा की बैठक में बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ, जिसके लिये विभिन्न देशों की ओर से प्रतिस्पर्धी दावेदारी पेश की गई थी ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका चुना जाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के रुख को मान्यता और वैश्विक स्तर पर कैग की विश्वसनीयता, पेशेवर तौर तारीकों और अनुभव की स्वीकारोक्ति है।
गौरतलब है कि मुर्मू ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पदभार पिछले वर्ष 8 अगस्त को ग्रहण किया था । इससे पहले, वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल रहे। वह भारत सरकार में विभिन्न पदों पर भी काम कर चुके हैं ।
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