दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त कर्मचारी के लाभ रोके जाने पर आईआईटी से जवाब तलब किया

punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 08:16 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से अपने उस कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों को रोकने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है जोकि अपनी बहू द्वारा क्रूरता के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने एक कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि ग्रेच्युटी और पेंशन ''''एक कर्मचारी की मेहनत की कमाई'''' है और लंबित आपराधिक कार्यवाही के कारण इसे रोका नहीं जा सकता।

अदालत ने 20 सितंबर के अपने आदेश में कहा कि सुनवाई की अगली तारीख से पहले जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए।

याचिकाकर्ता की वकील प्रीति सिंह ने याचिका में दलील दी कि नियोक्ता संस्थान ने प्राकृतिक न्याय या निष्पक्ष प्रक्रिया के सिद्धांत का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों को रोक दिया।

साथ ही तर्क दिया कि भारतीय दंड संहिता की धारा (एस) 498 ए, 406 और 34 (क्रूरता और आपराधिक विश्वासघात) के तहत कथित अपराध के लिए बहू द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के अंतर्गत कदाचार या भ्रष्ट आचरण नहीं माना जा सकता इसलिए लाभों को रोकने का निर्णय वापस लिया जाना चाहिए।

मामले की अगली सुनवाई आठ नवंबर के लिए सूचीबद्ध की गई।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News