भारत के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान संस्थानों तक पहुंच मिलने की जरूरत : न्यायाधीश
punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 10:40 AM (IST)
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पी एस नरसिम्हा ने बुधवार को कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून से जुड़े शोध एवं विकास के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है और देश के युवाओं की अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान संस्थानों तक पहुंच नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक अंतरराष्ट्रीय कानून अध्ययन की बात है, किसी छात्र को विवादों के अंतरराष्ट्रीय समाधान के लिए गठित न्याय निर्णयन के संस्थानों तक पहुंच नहीं मिली है।’’
उन्होंने इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व भर में सामने आने वाले विवादों का निर्णय विभिन्न संस्थानों में होता है जहां ज्यादातर वकील यूरोप और अमेरिका से हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों तक भारतीय युवाओं को पहुंच मिलने की जरूरत है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक अंतरराष्ट्रीय कानून अध्ययन की बात है, किसी छात्र को विवादों के अंतरराष्ट्रीय समाधान के लिए गठित न्याय निर्णयन के संस्थानों तक पहुंच नहीं मिली है।’’
उन्होंने इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व भर में सामने आने वाले विवादों का निर्णय विभिन्न संस्थानों में होता है जहां ज्यादातर वकील यूरोप और अमेरिका से हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों तक भारतीय युवाओं को पहुंच मिलने की जरूरत है।
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