लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय समिति की बैठकों से अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों का ब्यौरा मांगा
punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 10:40 AM (IST)
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) संसदीय समितियों के सदस्यों के नामों को अंतिम रूप देने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समितियों के बैठकों की संख्या और इनमें सदस्यों की उपस्थिति का ब्यौरा मांगा है । लोकसभा सचिवालय के परिपत्र में यह जानकारी दी गई है।
अधिकांश संसदीय समितियों का गठन हर वर्ष सितंबर माह में होता है। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद समितियों में सदस्यों के नाम मनोनीत करते हैं ।
एक अधिकारिक परिपत्र के अनुसार, बिरला ने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की एक छोटी समिति बनाई है जो इन संसदीय समितियों के कामकाज के नियमों पर विचार करेगी और हाल के वर्षो के घटनाक्रम के अनुरूप जरूरी होने पर बदलाव को लेकर कोई सुझाव देगी ।
इस घटनाक्रम को ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति सहित कुछ स्थायी समितियों की बैठकों में विवाद उत्पन्न होने की घटना सामने आई थी । इसके कारण समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर और समिति के सदस्य एवं भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बीच आरोप प्रत्यारोप देखेने को मिला था ।
लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने सचिवालय से संसदीय समितियों की बैठकों की संख्या और इन बैठकों में उपस्थित सांसदों का ब्यौरा देने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि ये कदम ऐसे समय में उठाये जा रहे हैं जब लोकसभा अध्यक्ष संसदीय समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं ।
गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय के दायरे में 25 संसदीय समितियां आती हैं जबकि राज्यसभा सचिवालय के दायरे में 8 संसदीय समितियां आती हैं ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अधिकांश संसदीय समितियों का गठन हर वर्ष सितंबर माह में होता है। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद समितियों में सदस्यों के नाम मनोनीत करते हैं ।
एक अधिकारिक परिपत्र के अनुसार, बिरला ने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की एक छोटी समिति बनाई है जो इन संसदीय समितियों के कामकाज के नियमों पर विचार करेगी और हाल के वर्षो के घटनाक्रम के अनुरूप जरूरी होने पर बदलाव को लेकर कोई सुझाव देगी ।
इस घटनाक्रम को ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति सहित कुछ स्थायी समितियों की बैठकों में विवाद उत्पन्न होने की घटना सामने आई थी । इसके कारण समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर और समिति के सदस्य एवं भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बीच आरोप प्रत्यारोप देखेने को मिला था ।
लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने सचिवालय से संसदीय समितियों की बैठकों की संख्या और इन बैठकों में उपस्थित सांसदों का ब्यौरा देने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि ये कदम ऐसे समय में उठाये जा रहे हैं जब लोकसभा अध्यक्ष संसदीय समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं ।
गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय के दायरे में 25 संसदीय समितियां आती हैं जबकि राज्यसभा सचिवालय के दायरे में 8 संसदीय समितियां आती हैं ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।