शिक्षा मंत्री ने शिक्षा के सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के नवोन्मेषी उपयोग की जरूरत बतायी
punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 10:39 AM (IST)
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि देश में डिजिटल विषमता को पाटने और वंचित छात्रों तक शिक्षा पहुंचाने के उद्देश्य से उपग्रह प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का उपयोग कर एक ‘‘एकीकृत डिजिटल प्रणाली’’ विकसित करने की जरूरत है।
प्रधान ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने को कहा जो इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी ।
शिक्षा मंत्री ने डिजिटल शिक्षा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सार्वभौमिकरण के विषय पर एक बैठक के दौरान यह बात कही ।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘इस बैठक में मुख्य रूप से एक एकीकृत डिजिटल प्रणाली विकसित करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का लाभ उठाने पर चर्चा की गयी।’’
प्रधान ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए मौजूदा मंचों का और विस्तार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की खातिर एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत बतायी ।
उन्होंने मौजूदा ‘स्वयं प्रभा’ पहल को मजबूत करने एवं उसका विस्तार करने तथा राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचा (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) जैसी पहलों को समन्वित करने की जरूरत बतायी ।
मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अनिता करवल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस समिति में उच्च शिक्षा, कौशल विकास मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, प्रसार भारती, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रधान ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने को कहा जो इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी ।
शिक्षा मंत्री ने डिजिटल शिक्षा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सार्वभौमिकरण के विषय पर एक बैठक के दौरान यह बात कही ।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘इस बैठक में मुख्य रूप से एक एकीकृत डिजिटल प्रणाली विकसित करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी और इंटरनेट का लाभ उठाने पर चर्चा की गयी।’’
प्रधान ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और शिक्षक प्रशिक्षण के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए मौजूदा मंचों का और विस्तार करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की खातिर एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत बतायी ।
उन्होंने मौजूदा ‘स्वयं प्रभा’ पहल को मजबूत करने एवं उसका विस्तार करने तथा राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा ढांचा (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) जैसी पहलों को समन्वित करने की जरूरत बतायी ।
मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अनिता करवल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस समिति में उच्च शिक्षा, कौशल विकास मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, प्रसार भारती, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है।
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