चुनाव में दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने के वास्ते निर्वाचन आयोग का सम्मेलन
punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:19 AM (IST)
नयी दिल्ली,21 सितंबर (भाषा) अगले वर्ष पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को ऑनलाइन बैठक की जिसका मकसद वर्तमान की सुविधाओं का आकलन करना और चुनाव में दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने संबंधी रणनीतियों पर चर्चा करना था।
निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब निर्वाचन आयोग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों समेत विभिन्न पक्षकारों से प्राप्त सूचनाओं को योजनाओं और चुनाव की तैयारियों में शामिल किया जाएगा ताकि दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए चुनाव को पहुंच योग्य ,समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाया जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने दिव्यांगजनों के लिए चुनावों को अधिक समावेशी, सुलभ और मतदाता अनुकूल बनाने की चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आयोग प्रथम पक्षकारों अर्थात मतदाताओं की निर्णय लेने की भूमिका को महत्व देता है, जिनमें दिव्यांगजन शामिल हैं और जो चुनावी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें अहम भूमिका निभानी चाहिए।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम 2016 में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाना सुनिश्चित किया जाए और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री को आसानी से समझने योग्य बनाया जाए।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने सामुदायिक सहायता प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वर्तमान में लगभग 77.4 लाख दिव्यांगजन पंजीकृत मतदाता हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब निर्वाचन आयोग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों समेत विभिन्न पक्षकारों से प्राप्त सूचनाओं को योजनाओं और चुनाव की तैयारियों में शामिल किया जाएगा ताकि दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए चुनाव को पहुंच योग्य ,समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाया जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने दिव्यांगजनों के लिए चुनावों को अधिक समावेशी, सुलभ और मतदाता अनुकूल बनाने की चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आयोग प्रथम पक्षकारों अर्थात मतदाताओं की निर्णय लेने की भूमिका को महत्व देता है, जिनमें दिव्यांगजन शामिल हैं और जो चुनावी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें अहम भूमिका निभानी चाहिए।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम 2016 में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाना सुनिश्चित किया जाए और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री को आसानी से समझने योग्य बनाया जाए।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने सामुदायिक सहायता प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वर्तमान में लगभग 77.4 लाख दिव्यांगजन पंजीकृत मतदाता हैं।
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