निचली अदालत द्वारा तारीख पर तारीख देने से न्यायालय नाराज, कहा छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करें

punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 09:09 AM (IST)

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) देहरादून की एक निचली अदालत द्वारा दिए गए 78 स्थगनों से नाराज उच्चतम न्यायालय ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के 2014 के एक मामले में छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है।

यह देखते हुए कि लगभग सात साल पहले मामले का संज्ञान लेने के बावजूद निचली अदालत मामले पर तनिक भी आगे नहीं बढ़ी है, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गवाहों को परीक्षण के लिए निचली अदालत में निर्धारित तारीखों पर पेश कराया जाए।
न्यायालय ने कहा, ‘‘हम निचली अदालत को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए।’’ उसने कहा, ‘‘हमें यह निर्देश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि हमने देखा कि निचली अदालत लगभग सात साल पहले संज्ञान लेने और 78 स्थगन के बावजूद इस मामले पर जरा भी आगे नहीं बढ़ी, यहां तक कि आरोप भी तय नहीं किए गए।’’
शीर्ष अदालत ने डॉ. अतुल कृष्ण की उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील पर 15 सितंबर को यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने मामले के जल्द निबटारे की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

अपील के मुताबिक याचिकाकर्ता ने 2012 में मेरठ जिले के जानी थाने में प्रतिवादियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसमें कहा गया कि 28 जून, 2014 से 15 अक्टूबर, 2020 के बीच मामले पर सुनवाई के लिए 78 तारीखें दी गईं लेकिन प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप तक तय नहीं किए गए।



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PTI News Agency

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