मालाबार अभ्यास के अगले संस्करण में शामिल होंगे क्वॉड के चारों सदस्य देश
punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 10:50 PM (IST)
नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) भारतीय नौसेना अगस्त की शुरुआत में दो महीने से अधिक समय के लिए दक्षिण चीन सागर, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण पूर्व एशिया जल क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों से युक्त एक नौसैनिक कार्य समूह तैनात कर रही है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में अपनी स्थिति को मजबूत करना है।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा कि अपनी तैनाती के दौरान, पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की नौसेनाओं के साथ मालाबार अभ्यास के अगले संस्करण में भाग लेंगे।
यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब क्वॉड या चतुर्भुज गठबंधन के सभी चार सदस्य देशों की नौसेनाएं विशाल नौसैनिक युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी।
चीन मालाबार अभ्यास के उद्देश्य को संदेह की नजर से देखता है क्योंकि उसे लगता है कि युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
कमांडर माधवाल ने कहा कि नौसेना कार्य समूह में मिसाइल विध्वंसक रणविजय, मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज कदमत और मिसाइल से लैस जंगी जहाज कोरा शामिल हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा कि अपनी तैनाती के दौरान, पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की नौसेनाओं के साथ मालाबार अभ्यास के अगले संस्करण में भाग लेंगे।
यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब क्वॉड या चतुर्भुज गठबंधन के सभी चार सदस्य देशों की नौसेनाएं विशाल नौसैनिक युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी।
चीन मालाबार अभ्यास के उद्देश्य को संदेह की नजर से देखता है क्योंकि उसे लगता है कि युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
कमांडर माधवाल ने कहा कि नौसेना कार्य समूह में मिसाइल विध्वंसक रणविजय, मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज कदमत और मिसाइल से लैस जंगी जहाज कोरा शामिल हैं।
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