संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे बाबुल सुप्रियो, राजनीति से दूर रहने का किया ऐलान
punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 10:45 PM (IST)
नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की और उसके बाद कहा कि वह सांसद तो बने रहेंगे लेकिन सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं बनेंगे।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद और गायकी की दुनिया से राजनीति में आए सुप्रियो ने फेसबुक के जरिए घोषणा की थी कि वह बतौर सांसद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
हालांकि नड्डा से मुलाकात के बाद उनके बयान से स्पष्ट है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने में सफल रहा।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हुए फेरबदल व विस्तार के दौरान सुप्रियो की छुट्टी कर दी गई थी। बताया जाता है कि वह तभी से निराश हैं।
सुप्रियो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह सांसद के रूप में अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते रहेंगे लेकिन राजनीति से दूर रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर देंगे।
सुप्रियो अगर संसद से इस्तीफा देते तो इस सूरत में आसनसोन से उपचुनाव कराने की नौबत आती और भाजपा के लिए इस सीट पर पुन: जीत हासिल करना आसान नहीं होता क्योंकि पिछले दिनो संपन्न विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी और उसके हौंसले बुलंद हैं।
भाजपा सांसद ने बताया कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा और केंद्रीय गृह अमित शाह से बात करने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा ना देने का फैसला किया है।
सुप्रियो ने कहा कि पिछले दिनों उनके कुछ बयानों को पार्टी की आलोचना के रूप में देख गया लेकिन उनका मानना है कि राज्य में भाजपा के हित में उन्होंने ऐसा कहा था और वह अभी भी उस पर कायम हैं।
आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो को पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद और गायकी की दुनिया से राजनीति में आए सुप्रियो ने फेसबुक के जरिए घोषणा की थी कि वह बतौर सांसद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
हालांकि नड्डा से मुलाकात के बाद उनके बयान से स्पष्ट है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने में सफल रहा।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हुए फेरबदल व विस्तार के दौरान सुप्रियो की छुट्टी कर दी गई थी। बताया जाता है कि वह तभी से निराश हैं।
सुप्रियो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह सांसद के रूप में अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते रहेंगे लेकिन राजनीति से दूर रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर देंगे।
सुप्रियो अगर संसद से इस्तीफा देते तो इस सूरत में आसनसोन से उपचुनाव कराने की नौबत आती और भाजपा के लिए इस सीट पर पुन: जीत हासिल करना आसान नहीं होता क्योंकि पिछले दिनो संपन्न विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी और उसके हौंसले बुलंद हैं।
भाजपा सांसद ने बताया कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा और केंद्रीय गृह अमित शाह से बात करने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा ना देने का फैसला किया है।
सुप्रियो ने कहा कि पिछले दिनों उनके कुछ बयानों को पार्टी की आलोचना के रूप में देख गया लेकिन उनका मानना है कि राज्य में भाजपा के हित में उन्होंने ऐसा कहा था और वह अभी भी उस पर कायम हैं।
आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो को पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
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