भारत, रूस की नौसेनाओं ने बाल्टिक सागर में किया युद्ध अभ्यास
punjabkesari.in Friday, Jul 30, 2021 - 12:43 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) भारत और रूस ने बाल्टिक सागर में दो दिवसीय नौसैनिक युद्धाभ्यास किया जिसमें समुद्री संचालन के क्षेत्र में कई जटिल अभ्यास और व्यापक गतिविधियां की गयीं।
भारतीय नौसेना ने 28-29 जुलाई को इंद्र अभ्यास के 12वें संस्करण को द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग मजबूत करने में ‘‘मील का पत्थर’’ बताया। उसने कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच मित्रता का दीर्घकालीन संबंध और मजबूत हुआ है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘2003 में शुरू हुआ इंद्र अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच सामरिक संबंधों की गहरायी का प्रतीक है।’’
उन्होंने कहा कि रूसी नौसेना के 325वीं नौसैन्य दिवस के समारोहों में भाग लेने के लिए भारतीय युद्धपोत आईएनएस तबर के सेंट पीटरबर्ग की यात्रा करने के तौर पर यह अभ्यास किया गया।
कमांडर मधवाल ने कहा, ‘‘इस अभ्यास में बेड़े के संचालन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि हवा रोधी गोलीबारी, हेलीकॉप्टर अभियान, बोर्डिंग अभ्यास और नाविक विकास का प्रदर्शन किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग मजबूत करने तथा दोनों देशों के बीच मित्रता का दीर्घकालीन संबंध मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय नौसेना ने 28-29 जुलाई को इंद्र अभ्यास के 12वें संस्करण को द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग मजबूत करने में ‘‘मील का पत्थर’’ बताया। उसने कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच मित्रता का दीर्घकालीन संबंध और मजबूत हुआ है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘2003 में शुरू हुआ इंद्र अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच सामरिक संबंधों की गहरायी का प्रतीक है।’’
उन्होंने कहा कि रूसी नौसेना के 325वीं नौसैन्य दिवस के समारोहों में भाग लेने के लिए भारतीय युद्धपोत आईएनएस तबर के सेंट पीटरबर्ग की यात्रा करने के तौर पर यह अभ्यास किया गया।
कमांडर मधवाल ने कहा, ‘‘इस अभ्यास में बेड़े के संचालन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि हवा रोधी गोलीबारी, हेलीकॉप्टर अभियान, बोर्डिंग अभ्यास और नाविक विकास का प्रदर्शन किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग मजबूत करने तथा दोनों देशों के बीच मित्रता का दीर्घकालीन संबंध मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है।’’
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