नयी शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरा होने पर प्रधान ने शिक्षा को किफायती और सुलभ बनाने का आह्वान किया
punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 10:19 AM (IST)
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा को समग्र, सस्ता, सुलभ और समतामूलक बनाने के संकल्प को दोहराने का बृहस्पतिवार को आह्वान किया।
नयी शिक्षा नीति (एनईपी) के बृहस्पतिवार को एक साल पूरा किए जाने के साथ ही प्रधान ने ट्वीट किया, “एनईपी 2020 के एक वर्ष होने पर, शिक्षा को समग्र, सस्ता, सुलभ और न्यायसंगत बनाने के संकल्प को फिर से दोहराते हैं। 21वीं सदी के आत्म निर्भर भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और भारत को जीवंत ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करते हैं।”
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, “एक साल पहले, इसी दिन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के तहत 21वीं सदी की दूरदर्शी शिक्षा नीति- एनईपी 2020 की शुरुआत प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता को खोलने, शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने, क्षमता निर्माण करने और सीखने के परिदृश्य को बदलने के लक्ष्य से शुरू किया गया था।”
नई शिक्षा नीति ने 1986 में तैयार शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति की जगह ली थी। इसका लक्ष्य स्कूल एवं उच्च शिक्षण प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधार के लिए मार्ग प्रशस्त कर भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
प्रधान ने कहा, “आज, एनईपी के तहत कायापलट करने वाले सुधारों के एक वर्ष पूरा होने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कई पहलों की शुरुआत करेंगे जो नयी शिक्षा नीति के तहत परिकल्पित कई लक्ष्यों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे और उनके संबोधन से हमें मार्गदर्शन प्राप्त होगा।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
नयी शिक्षा नीति (एनईपी) के बृहस्पतिवार को एक साल पूरा किए जाने के साथ ही प्रधान ने ट्वीट किया, “एनईपी 2020 के एक वर्ष होने पर, शिक्षा को समग्र, सस्ता, सुलभ और न्यायसंगत बनाने के संकल्प को फिर से दोहराते हैं। 21वीं सदी के आत्म निर्भर भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और भारत को जीवंत ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करते हैं।”
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, “एक साल पहले, इसी दिन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के तहत 21वीं सदी की दूरदर्शी शिक्षा नीति- एनईपी 2020 की शुरुआत प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता को खोलने, शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने, क्षमता निर्माण करने और सीखने के परिदृश्य को बदलने के लक्ष्य से शुरू किया गया था।”
नई शिक्षा नीति ने 1986 में तैयार शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति की जगह ली थी। इसका लक्ष्य स्कूल एवं उच्च शिक्षण प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधार के लिए मार्ग प्रशस्त कर भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
प्रधान ने कहा, “आज, एनईपी के तहत कायापलट करने वाले सुधारों के एक वर्ष पूरा होने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कई पहलों की शुरुआत करेंगे जो नयी शिक्षा नीति के तहत परिकल्पित कई लक्ष्यों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे और उनके संबोधन से हमें मार्गदर्शन प्राप्त होगा।”
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