कृषि कानूनों के मुद्दे पर चार घंटे तक लोकसभा में धरने पर बैठे रहे कांग्रेस के दो सांसद
punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 09:52 PM (IST)
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने कृषि कानूनों को निरस्त करने और इस पर चर्चा की मांग करते हुए करीब चार घंटे तक सदन के भीतर धरना दिया।
लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न करीब चार बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद पंजाब के ये दोनों सांसद कृषि कानूनों को निरस्त करने के मुद्दे पर सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए।
इन दोनों सांसदों ने करीब चार घंटे के बाद अपना धरना खत्म किया।
औजला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोकसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि बुधवार को सदन में उनकी बात सुनी जाएगी, जिसके बाद दोनों सांसदों ने धरना खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर बुधवार को हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम फिर से सदन के भीतर ही धरने पर बैठ जाएंगे।’’
औजला ने कहा, ‘‘हम रोजाना कार्यस्थगन का नोटिस देते हैं, लेकिन हमें अनसुना कर दिया जाता है और हंगामे के बीच ही सरकारी कामकाज को पूरा कराया जाता है। यह उचित नहीं है। किसानों के मुद्दों पर चर्चा हो, तीनों कानून निरस्त किए जाएं, इसके बाद दूसरे काम होने चाहिए।’’
कांग्रेस केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रही है। पेगासस और कृषि कानूनों समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न करीब चार बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद पंजाब के ये दोनों सांसद कृषि कानूनों को निरस्त करने के मुद्दे पर सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए।
इन दोनों सांसदों ने करीब चार घंटे के बाद अपना धरना खत्म किया।
औजला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोकसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि बुधवार को सदन में उनकी बात सुनी जाएगी, जिसके बाद दोनों सांसदों ने धरना खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर बुधवार को हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम फिर से सदन के भीतर ही धरने पर बैठ जाएंगे।’’
औजला ने कहा, ‘‘हम रोजाना कार्यस्थगन का नोटिस देते हैं, लेकिन हमें अनसुना कर दिया जाता है और हंगामे के बीच ही सरकारी कामकाज को पूरा कराया जाता है। यह उचित नहीं है। किसानों के मुद्दों पर चर्चा हो, तीनों कानून निरस्त किए जाएं, इसके बाद दूसरे काम होने चाहिए।’’
कांग्रेस केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रही है। पेगासस और कृषि कानूनों समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।
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