महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई रहनी चाहिए : न्यायालय का राज्यों को निर्देश

punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 09:00 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पिछले साल मार्च से कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई कम से कम मौजूदा शिक्षण सत्र में उसी स्कूल में जारी रहनी चाहिए, जहां वे पढ़ रहे हैं।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि महामारी के दौरान जो बच्चे अनाथ हो गए हैं या जिनके माता-पिता में से एक की मौत हो गई है, उनकी पढ़ाई कम से कम वर्तमान शिक्षा सत्र में उसी स्कूल में जारी रहे जहां वे पढ़ रहे हैं, चाहे स्कूल सरकारी हों या निजी।

शीर्ष अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सात जून को अपने आदेश में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा था कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई में निजी और सरकारी स्कूलों -दोनों में कोई रुकावट न आए।

न्यायालय ने न्याय मित्र के रूप में मदद कर रहे अधिवक्ता गौरव अग्रवाल द्वारा ऐसे बच्चों की शिक्षा के बारे में चिंता उठाए जाने पर निर्देश पारित किया।

पीठ ने उल्लेख किया कि न्याय मित्र ने राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना का संदर्भ दिया है, खासकर एक ऐसे राज्य का जहां अनाथ हुए बच्चों में से लगभग 40 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि निजी स्कूलों में ऐसे बच्चों की शिक्षा जारी रखने में कोई कठिनाई हो तो शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें पास के स्कूलों में समायोजित किया जा सकता है। न्यायालय ने राज्यों से मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा।
मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।



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PTI News Agency

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