विद्यालयों, महाविद्यालयों में एनसीसी प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने को विचार नहीं : सरकार
punjabkesari.in Monday, Jul 26, 2021 - 06:36 PM (IST)
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि वह विद्यालयों और महाविद्यालयों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी के प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है।
भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘‘जी नहीं।’’ उन्होंने कहा कि इस समय विद्यालय और महाविद्यालय स्वैच्छिक आधार पर एनसीसी को चुनते हैं। उन्होंने कहा कि देश में एनसीसी में भाग लेने वाले विद्यालयों, इंटर महाविद्यालय, डिग्री महाविद्यालय की संख्या क्रमश: 11,804, 1,757 और 5,303 है। इसके अलावा नौसेना और वायुसेना एनसीसी इकाइयों के जरिए भी एनसीसी प्रशिक्षण मुहैया कराती है।
भट्ट ने एक अन्य सवाल के जवाब में उच्च सदन को बताया कि हाल के वर्षों में आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) द्वारा तैयार गोला-बारूद का प्रयोग करते समय कई दुर्घटनाएं हुयी हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर आज की तारीख तक ऐसे हादसों में 201 लोग घायल हुए जबकि 32 लोगों की मृत्यु हो गयी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी के प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है।
भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘‘जी नहीं।’’ उन्होंने कहा कि इस समय विद्यालय और महाविद्यालय स्वैच्छिक आधार पर एनसीसी को चुनते हैं। उन्होंने कहा कि देश में एनसीसी में भाग लेने वाले विद्यालयों, इंटर महाविद्यालय, डिग्री महाविद्यालय की संख्या क्रमश: 11,804, 1,757 और 5,303 है। इसके अलावा नौसेना और वायुसेना एनसीसी इकाइयों के जरिए भी एनसीसी प्रशिक्षण मुहैया कराती है।
भट्ट ने एक अन्य सवाल के जवाब में उच्च सदन को बताया कि हाल के वर्षों में आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) द्वारा तैयार गोला-बारूद का प्रयोग करते समय कई दुर्घटनाएं हुयी हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर आज की तारीख तक ऐसे हादसों में 201 लोग घायल हुए जबकि 32 लोगों की मृत्यु हो गयी।
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