पेगासस के इस्तेमाल पर केवल एक शब्द ‘राजद्रोह’ है : राहुल गांधी; भाजपा ने उनके बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया

punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 09:59 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) पेगासस स्पाईवेयर विवाद शुक्रवार को बढ़ने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत, इसकी संस्थाओं एवं इसके लोकतंत्र के खिलाफ पेगासस ‘‘हथियार’’का इस्तेमाल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर करारा प्रहार किया तथा दावा किया कि ‘इसके लिए केवल एक शब्द ‘‘राजद्रोह’’ है।’ वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया।
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा उपयोग किया रहा हर फोन टैप किया गया। उन्होंने इस विषय की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने तथा गृह मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग की।

वहीं, भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौर ने विपक्षी पार्टी के नेता को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उन्हें (राहुल गांधी को) लगता है कि उनका फोन टैप किया गया था तो उन्हें जांच के लिए अपना फोन सौंप देना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अवैध तरीके से किसी का भी फोन टैप नहीं किया है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को शुक्रवार को राज्य सभा के मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान छीनने और उसे फाड़ने को लेकर उकने खिलाफ यह कार्रवाई की गई। उच्च सदन (राज्य सभा) के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सेन के इस कृत्य को देश के संसदीय लोकतंत्र पर हमला करार दिया।

इस हफ्ते की शुरूआत में मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया था कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए, पत्रकारों, भारत के विपक्षी नेताओं और यहां तक कि केंद्रीय मंत्रियों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पेगासस जासूसी विवाद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराये जाने की मांग की। साथ ही, वाम दल ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2017 की इजराइल यात्रा का क्या इस विषय से कोई लेनादेना था।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एनएससी (राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय) के बजट में वृद्धि का उल्लेख करने वाली एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बजट में 10 गुना वृद्धि 2017 में मोदी की इजराइल यात्रा के साथ-साथ हुई, जब वह भूमध्य सागर के तट पर नंगे पांव नेतन्याहू के साथ टहल रहे थे। भारतीयों की जासूसी के लिए पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करने का क्या सौदा हुआ था?’’
राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पेगासस को इजराइल ने एक ऐसे हथियार की श्रेणी में रखा है जिसका इस्तेमाल आतंकवादियों और अपराधियों के खिलाफ किया जाता है। हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भारत के संस्थाओं और लोकतंत्र के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया। उन्होंने राजनीतिक रूप से इसका इस्तेमाल किय। उन्होंने कर्नाटक में इसका इस्तेमाल किया...। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा फोन टैप किया। यह मेरी निजता का मामला नहीं है। मैं विपक्ष का एक नेता हूं और मैं जनता की आवाज उठाता हूं। यह जनता की आवाज पर आक्रमण है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘राफेल मामले की जांच रोकने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया गया। नरेंद्र मोदी जी ने इस हाथियार का उपयोग हमारे देश के खिलाफ किया। इसके लिए सिर्फ एक शब्द है ‘राजद्रोह’।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और नरेंद्र मोदी की भूमिका उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि इसके उपयोग का आदेश प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ही दे सकते हैं।’’
राहुल ने संसद परिसर में पेगासस मुद्दे पर अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया। उन्होंने खुद को एक ‘‘खुली किताब’’ बताया और कहा कि वह भयभीत नहीं हैं।
इस बीच, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को यदि लगता है कि उनका फोन टैप किया गया है तो उन्हें इसे (फोन) जांच एजेंसी को सौंप देना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अवैध तरीके से किसी का भी फोन टैप नहीं किया है। साथ ही, उन्होंने राहुल के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जनता के द्वारा लगातार दो बार खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस किसी न किसी बहाने संसद की कार्यवाही को बाधित करना चाहती है।

राठौर ने कहा कि राहुल गांधी को अपना फोन जांच एजेंसी को सौंप देना चाहिए और भारतीय दंड संहिता के तहत जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा , ‘‘ स्वतंत्रता के पैमाने पर, भारत का रैंक फ्रांस जैसे उदार लोकतंत्र और इज़राइल जैसे कठोर लोकतंत्र के उलट है। फ्रांस जांच का आदेश देता है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाता है। इज़राइल ने फोन निगरानी के आरोपों की समीक्षा के लिए एक आयोग का गठन किया।’’
राहुल के अलावा विपक्ष के कई सांसदों ने संसद परिसर में पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के अलावा के सी वेणुगोपाल, शशि थरूर तथा द्रमुक की कनिमोई और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी सहित अन्य ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
सांसदों ने ‘ये जासूसी बंद करो’ के नारे भी लगाये। उन्होंने ‘पेगासस जासूसी कांड की हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करते हैं’, लिखा बैनर भी थाम रखा था।


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