एजीआर संबंधित बकाया की गणना में गड़बड़ी को लेकर दायर दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज

punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 12:29 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की तरफ से उनके द्वारा चुकाए जाने वाले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी बकाया की गणना में गलितयों का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “सभी अर्जियां खारिज की जाती हैं।”
दूरसंचार कंपनियों ने शीर्ष अदालत में दलील दी कि गणना में अंकगणितीय त्रुटियों को ठीक किया जाए और प्रविष्टियों में दोहराव के मामले भी हैं।

शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को कहा था कि वह दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों पर आदेश पारित करेगी।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में सरकार को अपनी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एजीआर से संबंधित 93,520 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 10 साल का समय दिया था।

आवेदनों पर 19 जुलाई की सुनवाई के दौरान, पीठ ने मामले में शीर्ष अदालत द्वारा पारित पूर्व के आदेश का संदर्भ दिया था और कहा था कि एजीआर संबंधित बकाए का पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जा सकता।

दूरसंचार की एक कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया था कि वे इसके लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) को दोष नहीं दे रहे थे क्योंकि अंकगणितीय प्रविष्टियां हैं और वे विभाग के समक्ष प्रविष्टियां रखना चाहते हैं ताकि वे इस पर फिर से विचार कर सकें।

पिछले साल सितंबर के आदेश में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि दूरसंचार संचालकों को 31 मार्च 2021 तक दूरसंचार विभाग द्वारा मांगे गए कुल बकाये का 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा और बाकी राशि एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2031 तक सालाना किस्तों में चुकाई जा सकती है।

एजीआर बकाया के संबंध में दूरसंचार विभाग की मांग को अंतिम मानते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि दूरसंचार कंपनियों कोई विवाद पैदा नहीं करेंगी और कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2019 में एजीआर के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया था।

दूरसंचार विभाग ने पिछले साल मार्च में शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर 20 साल की अवधि में दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाया भुगतान की अनुमति देने का अनुरोध किया था।



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PTI News Agency

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