पेगासस मामले की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया
punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 11:07 AM (IST)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) कांग्रेस के सांसदों ने पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके राहुल गांधी समेत कई प्रमुख व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
लोकसभा और राज्यसभा के कई कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस के कई अन्य सांसद इस मौके पर मौजूद थे।
उन्होंने अपने हाथ में एक बड़ा बैनर ले रखा था जिस पर ‘वी डिमांड सुप्रीम कोर्ट मॉनीटर्ड ज्यूडिसियल प्रोब’ (हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं) लिखा हुआ था।
उन्होंने ‘जासूसी बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे भी लगाए।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोकसभा और राज्यसभा के कई कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस के कई अन्य सांसद इस मौके पर मौजूद थे।
उन्होंने अपने हाथ में एक बड़ा बैनर ले रखा था जिस पर ‘वी डिमांड सुप्रीम कोर्ट मॉनीटर्ड ज्यूडिसियल प्रोब’ (हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं) लिखा हुआ था।
उन्होंने ‘जासूसी बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे भी लगाए।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।
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