छोटे, अलाभकारी विमानपत्तनों के विकास के लिये सार्वजनिक निजी साझेदारी की जरूरत : संसदीय समिति

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 07:19 PM (IST)

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) संसद की एक समिति ने देश में और अधिक विमानपत्तनों की मांग के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि वह छोटे और अलाभकारी विमानपत्तनों के विकास एवं रख-रखाव में सार्वजनिक निजी भागीदारी की अपरिहार्य आवश्यकता को समझती है।
भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2021 पर परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है जिसे संसद के दोनों सदनों में बृहस्पतिवार को पेश किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, समिति इस तथ्य को मानती है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के लिये देश के सभी विमानपत्तनों के विकास एवं रख-रखाव के लिहाज से अपेक्षित निवेश की पूर्ति करना संभव नहीं है।
इसमें कहा गया है, ‘‘समिति छोटे और अलाभकारी विमानपत्तनों के विकास एवं रख-रखाव में सार्वजनिक निजी भागीदारी की अपरिहार्य आवश्यकता को समझती है।’’
संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार, समिति विधेयक को पुन:स्थापित करने के लिये मंत्रालय द्वारा बताये गए कारणों को स्वीकार करती है क्योंकि ‘महा विमानपत्तन’ शब्द की परिभाषा में ‘विमानपत्तनों का समूह’ शामिल करने के प्रस्तावित परिवर्तन के परिणामस्वरूप महा विमानपत्तनों के साथ-साथ छोटे और अलाभकारी विमानपत्तनों का भी समेकित रूप से विकास संभव हो सकेगा।

समिति की राय है कि बढ़ते हवाई यातायात का दक्षतापूर्ण प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु विमानपत्तनों के उन्नयन/क्षमता विस्तार तथा प्रक्रियाओं एवं प्रणालियों के आधुनिकीकरण और अवसंरचना में पर्याप्त और सतत निवेश जरूरतों को पूरा करने के लिये यह विधेयक अवश्यक है। इसलिये समिति इस विधेयक को बिना किसी परिवर्तन के स्वीकार करती है।

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PTI News Agency

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