बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय भारत के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा : धर्मेन्द्र प्रधान

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 10:57 AM (IST)

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) भारत के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा तथा अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ भारत को अनुसंधान एवं विकास का वैश्विक केंद्र बनाएगा।
जिंदल ग्लोबल विश्विवद्यालय द्वारा आयोजित विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही ।
उन्होंने कहा, ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए एक नई कल्पना का सूत्रपात किया है। यह एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि को रेखांकित करता है।’’
प्रधान ने कहा कि गुणवत्ता, समानता, सुगम्यता और वहनीयता नई शिक्षा नीति के चार स्तंभ हैं और इनके सहारे ही एक नये भारत का उदय होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘भारत में रूकें और भारत में पढ़ें’ (स्टडी इन इंडिया-स्टे इन इंडिया) के सपने के साथ भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक गंतव्य बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
प्रधान ने शिक्षा को समग्र, नवोन्मेषी, भाषाई रूप से विविध और बहु-विषयक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि भाषा की सीमाओं या क्षेत्रीय भाषाई अड़चनों के कारण किसी भी छात्र का विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) भारत के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा। एमईआरयू अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देगा और भारत को अनुसंधान एवं विकास का वैश्विक केंद्र बनाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को कौशल विकास के साथ जोड़ने से सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) कौशल के साथ शिक्षा के एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगी और भारत को जनसांख्यिकी लाभांश प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. डी पी सिंह, ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्याल के कुलाधिपति नवीन जिंदल, ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर डॉ. सी राज कुमार आदि ने भी हिस्सा लिया ।


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PTI News Agency

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