डीआरडीओ ने कोरोना रोधी दवा 2डीजी की तकनीक चार फार्मा कंपनियों को हस्तांतरित की: सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Jul 20, 2021 - 06:50 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 2डीजी पर विनिर्माण और संचालन के लिए डॉ रेड्डी लैब के साथ साझेदारी की है और इस दवा की तकनीक चार और फार्मा कंपनियों को हस्तांतरित की है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने एम के राघवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को यह जानकारी दी और यह भी बताया कि एसआईआर की प्रयोगशाला केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने ओरल दवा उमीफेनोविर भी इस लिहाज से विकसित की है।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने सूचित किया है कि उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए ओरल एंटीवायरल दवा के रूप में 2डीजी (2-डीऑक्सी डी-ग्लूकोज) विकसित की है। उन्होंने बताया कि दवा के चरण-2 के नैदानिक परीक्षण के अत्यंत विशिष्ट परिणामों एवं तीसरे चरण के अंतरिम विश्लेषण के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने एक मई, 2021 को आपात स्थिति के लिए मध्यम से गंभीर कोविड-19 रोगियों में सहायक चिकित्सा के रूप में 2डीजी के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यह कोविड रोगियों में प्रभावी है।

मांडविया ने कहा कि मध्यम से गंभीर रोगियों में दवा के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की अंतिम रिपोर्ट अगले महीने के अंत तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
मंत्री के मुताबिक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने सूचित किया है कि सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने ओरल दवा उमीफेनोविर विकसित की है जिसका नैदानिक परीक्षण पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त सीएसआईआर की एक और प्रयोगशाला राष्ट्रीय अंतर्विषयक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईएसटी) ने ओरल दवा मोलनुपिरविर के लिए एक नयी प्रक्रिया विकसित की है।

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PTI News Agency

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