दिल्ली मेट्रो ने रिज इलाके में डिपो बनाने की योजना छोड़ी
punjabkesari.in Thursday, Jul 15, 2021 - 12:04 AM (IST)
नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अपने चौथे चरण के तहत प्रस्तावित एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के लिए रिज क्षेत्र में एक डिपो बनाने की अपनी योजना पारिस्थितिकीय कारणों के चलते छोड़ने का फैसला किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि डीएमआरसी इस आगामी गलियारे के लिए अपने मौजूदा दो डिपो में क्षमता इजाफा करेगी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे को रिज प्रबंधन बोर्ड (आरएमबी) से बुधवार को मंजूरी मिल गई है। इस गलियारे के तहत रिज और मॉर्फोलॉजिकल रिज इलाकों में चार स्टेशनों का निर्माण होना है तथा 1,072 पेड़ों को काटा जाएगा।
दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे को डीएमआरसी ने ''सिल्वर लाइन'' का नाम दिया है। यह नेटवर्क का 10वां गलियारा होगा, इसलिए इसे लाइन 10 भी कहा जाएगा। इस लाइन में 15 स्टेशन होंगे।
अधिकारी ने बताया, “डीएमआरसी ने रिज क्षेत्र पर एरोसिटी-तुगलकाबाद लाइन के निर्माण के प्रभाव को कम करने के लिए काफी प्रयास किए हैं।” अधिकारी ने कहा कि आगामी सिल्वर लाइन के लिए रिज क्षेत्र में एक डिपो बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब डीएमआरसी ने योजना को छोड़ने का फैसला किया है और इसके बजाय मौजूदा दो डिपो में क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि डीएमआरसी इस आगामी गलियारे के लिए अपने मौजूदा दो डिपो में क्षमता इजाफा करेगी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे को रिज प्रबंधन बोर्ड (आरएमबी) से बुधवार को मंजूरी मिल गई है। इस गलियारे के तहत रिज और मॉर्फोलॉजिकल रिज इलाकों में चार स्टेशनों का निर्माण होना है तथा 1,072 पेड़ों को काटा जाएगा।
दिल्ली मेट्रो के एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे को डीएमआरसी ने ''सिल्वर लाइन'' का नाम दिया है। यह नेटवर्क का 10वां गलियारा होगा, इसलिए इसे लाइन 10 भी कहा जाएगा। इस लाइन में 15 स्टेशन होंगे।
अधिकारी ने बताया, “डीएमआरसी ने रिज क्षेत्र पर एरोसिटी-तुगलकाबाद लाइन के निर्माण के प्रभाव को कम करने के लिए काफी प्रयास किए हैं।” अधिकारी ने कहा कि आगामी सिल्वर लाइन के लिए रिज क्षेत्र में एक डिपो बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब डीएमआरसी ने योजना को छोड़ने का फैसला किया है और इसके बजाय मौजूदा दो डिपो में क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
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