सरकार ने ई-वाणिज्य नियमों के मसौदे पर सुझाव के लिये समयसीमा बढ़ाकर पांच अगस्त की
punjabkesari.in Monday, Jul 05, 2021 - 08:38 PM (IST)
नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 में प्रस्तावित संशोधन पर लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने की समयसीमा बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी।
इससे पहले, ई-वाणिज्यि नियम के मसौदे पर टिप्पणी के लिये अंतिम तिथि छह जुलाई थी।
सरकारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘ई-वाणिज्य नियमों के मसौदे पर टिप्पणियों/सुझावों की प्राप्ति के लिए समय सीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया है। प्रस्तावित संशोधन पर विचार/टिप्पणियां/सुझाव 5 अगस्त, 2021 तक भेजे जा सकते हैं।’’
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तीन जुलाई को एक बैठक आयोजित की थी। बैठक में, कई ई-वाणिज्यक कंपनियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि वह सुझाव देने की समयसीमा छह जुलाई से आगे बढ़ाए।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने ई-वाणिज्य नियमों पर मसौदा 21 जून को जारी किया था। इसमें ई-वाणिज्य मंचों पर सीमित अवधि में भारी छूट देकर धोखाधड़ी कर सामानों की बिक्री और माल और सेवाओं की गलत जानकारी देकर सामान और सेवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
साथ ही, उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्यि) नियम, 2020 में मुख्य अनुपालन अधिकारी/शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति समेत अन्य संशोधन के प्रस्ताव किये गये हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इससे पहले, ई-वाणिज्यि नियम के मसौदे पर टिप्पणी के लिये अंतिम तिथि छह जुलाई थी।
सरकारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘ई-वाणिज्य नियमों के मसौदे पर टिप्पणियों/सुझावों की प्राप्ति के लिए समय सीमा बढ़ाने का निर्णय किया गया है। प्रस्तावित संशोधन पर विचार/टिप्पणियां/सुझाव 5 अगस्त, 2021 तक भेजे जा सकते हैं।’’
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तीन जुलाई को एक बैठक आयोजित की थी। बैठक में, कई ई-वाणिज्यक कंपनियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि वह सुझाव देने की समयसीमा छह जुलाई से आगे बढ़ाए।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने ई-वाणिज्य नियमों पर मसौदा 21 जून को जारी किया था। इसमें ई-वाणिज्य मंचों पर सीमित अवधि में भारी छूट देकर धोखाधड़ी कर सामानों की बिक्री और माल और सेवाओं की गलत जानकारी देकर सामान और सेवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
साथ ही, उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्यि) नियम, 2020 में मुख्य अनुपालन अधिकारी/शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति समेत अन्य संशोधन के प्रस्ताव किये गये हैं।
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