शब्बीर शाह पाक व अन्य देशों से अपराध के जरिये पैसा हासिल करने में शामिल: ईडी ने अदालत से कहा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 22, 2021 - 07:34 PM (IST)

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि अलगाववादी नेता शब्बीर शाह कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान और अन्य देशों से अपराध के जरिए पैसा हासिल करने में शामिल है।
ईडी ने धनशोधन मामले में शाह की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष अभिवेदन दिया है, जिसने मामले को 29 जून तक स्थगित कर दिया। एजेंसी ने अदालत को बताया है कि शाह ने चल और अचल संपत्ति के रूप में काफी दौलत इकट्ठा की है।
एजेंसी ने कहा, “शब्बीर शाह आतंकवाद के वित्तपोषण की गतिविधियों में भी शामिल था क्योंकि आतंकवादियों को खुद के लिए और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन की जरूरत होती है। धन शोधन एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए अपराधी अपनी संपत्ति के अवैध स्रोत को छुपाता हैं और अपनी संपत्ति के आधार की रक्षा करता है, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संदेह से बचा जा सके और कोई सबूत न रहे।”
ईडी ने कहा कि शाह पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद से नियमित संपर्क में था। उसने कहा, “शाह मोहम्मद शफी शायर के भी संपर्क में था, जो कश्मीर से ताल्लुक रखता है और जम्मू की केंद्रीय जेल से रिहा होने के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया था।”
एजेंसी ने दावा किया कि आवेदक के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और मामले में आगे की जांच जारी है और संपत्तियों की पहचान की जा रही है।

उसने कहा, “ धन के लेन-देन को प्रमाणि किया जा रहा है। स्रोत से संबंधित छानबीन चल रही है। पाकिस्तान से जुड़े कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है जिनमें ई-मेल भी शामिल हैं और आवेदक को पैसा दान करने वालों की पहचान की जानी है तथा पूछताछ की जानी है।”
ईडी ने कहा, “ अगर आवेदक आरोपी को इस समय जमानत पर रिहा किया जाता है तो प्रतिवादियों के बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के सभी प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।”
शाह ने यह दावा करते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की थी कि कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण धन शोधन मामले में जल्द सुनवाई पूरी होने की कोई संभावना नहीं है।

अभियोजन के अनुसार, अगस्त 2005 में, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कथित हवाला डीलर अहमद वानी को गिरफ्तार किया था, और दावा किया था कि उसके पास से 63 लाख रुपये बरामद किए गए हैं, जिनमें से 52 लाख रुपये कथित तौर पर शाह को दिए जाने थे।
जांच के दौरान वानी ने कहा था कि उसने शाह को 2.25 करोड़ रुपये दिए थे। ईडी ने बाद में 2007 में शाह और वानी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था।


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