मेदिगड्डा रेत स्टॉक यार्ड को बंद करने की योजना प्रस्तुत करे तेलंगाना : एनजीटी
punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 05:45 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तेलंगाना सरकार को उस समिति की सिफारिशों का पालन करने का निर्देश दिया है जिसमें मेदिगड्डा रेत स्टॉक यार्ड को बंद करने की योजना और कृषि के लिए इसका इस्तेमाल की बात कही गयी थी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को उसके द्वारा गठित की गयी समिति की अन्य सिफारिशों का पालन करने के लिए भी कहा, जिसमे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पीसीबी और एसईआईएए, तेलंगाना के सदस्य शामिल थे। समिति ने 100 हेक्टेयर मेदिगड्डा रेत भंडार का दौरा किया। तेलंगाना राज्य खनिज विकास निगम (टीएसएमडीसी) के मुताबिक लीज पर ली गई निजी जमीन पर प्रति दिन चार लाख घन मीटर रेत का खनन किया जा रहा है।
समिति ने सिफारिश की थी कि टीएसएमडीसी को सभी स्टॉक यार्डों को बंद करने की योजना प्रस्तुत करनी होगी, जिससे जमीनों को दोबारा कृषि के लिए इस्तेमाल में लाया जा सके। एनजीटी ने मुफ्त में रेत के वितरण पर टिप्पणी करते हुए कहा, “ संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन कर रेत के मुफ्त वितरण का मामला हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इस विषय को सही मंच पर उठाया जा सकता है।” एनजीटी ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में कहा गया है कि निर्माण कंपनियों को मुफ्त में रेत उपलब्ध कराने के लिए अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी के बिना ही रेत खनन किया जा रहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को उसके द्वारा गठित की गयी समिति की अन्य सिफारिशों का पालन करने के लिए भी कहा, जिसमे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पीसीबी और एसईआईएए, तेलंगाना के सदस्य शामिल थे। समिति ने 100 हेक्टेयर मेदिगड्डा रेत भंडार का दौरा किया। तेलंगाना राज्य खनिज विकास निगम (टीएसएमडीसी) के मुताबिक लीज पर ली गई निजी जमीन पर प्रति दिन चार लाख घन मीटर रेत का खनन किया जा रहा है।
समिति ने सिफारिश की थी कि टीएसएमडीसी को सभी स्टॉक यार्डों को बंद करने की योजना प्रस्तुत करनी होगी, जिससे जमीनों को दोबारा कृषि के लिए इस्तेमाल में लाया जा सके। एनजीटी ने मुफ्त में रेत के वितरण पर टिप्पणी करते हुए कहा, “ संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन कर रेत के मुफ्त वितरण का मामला हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इस विषय को सही मंच पर उठाया जा सकता है।” एनजीटी ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में कहा गया है कि निर्माण कंपनियों को मुफ्त में रेत उपलब्ध कराने के लिए अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी के बिना ही रेत खनन किया जा रहा है।
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