वाहन रिण गड़बड़ी: जीपीएस उपकरण कमीशन वापस लौटाएगा एचडीएफसी बैंक
punjabkesari.in Thursday, Jun 17, 2021 - 09:42 PM (IST)
नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) एचडीएफसी बैंक ने बृहस्पतिवार को वाहन कर्जदारों से छह साल तक लिए गये विवादित "जीपीएस उपकरण कमीशन" को लौटाने की घोषणा की है।
गौरतलब हैं कि पिछले साल बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पुरी ने खास आरोपों के सामने आने के बाद ऑटो रिण वितरण में गड़बड़ियों की बात मानी थी।
रिजर्व बैंक ने भी इस साल की शुरुआत में कर्ज वितरण में खामियों को लेकर बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।
एचडीएफसी बैंक ने अखबारों में प्रकाशित एक सार्वजनिक नोटिस में कमीशन वापस करने की घोषणा की।
नोटिस में कहा गया, "एचडीएफसी बैंक वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2019-20 के बीच ऑटो रिण वित्तपोषण के तहत जीपीएस उपकरण लेने वाले ऑटो रिण ग्राहकों को जीपीएस उपकरण की कमीशन वापस करेगा।"
इसमें कहा गया कि रिफंड राशि बैंक में पंजीकृत ग्राहकों के पुनर्भुगतान बैंक खाते में डाली जाएगी। बैंक ने साथ ही ग्राहकों से अगले 30 दिनों में संपर्क करने को कहा है।
यह आरोप लगा था कि ऑटो रिण लेनदारों को रिण के साथ 18,000 रुपए से ज्यादा की कीमत पर बैंक से जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।
इससे बैंकों को कोई अन्य उत्पाद बेचने से रोकने वाले मौजूदा नियमों के उल्लंघन के अलावा निजता को लेकर भी सवाल उठे थे क्योंकि इस तरह के उपकरण से वाहन की जगह की जानकारी हासिल की जा सकती है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गौरतलब हैं कि पिछले साल बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पुरी ने खास आरोपों के सामने आने के बाद ऑटो रिण वितरण में गड़बड़ियों की बात मानी थी।
रिजर्व बैंक ने भी इस साल की शुरुआत में कर्ज वितरण में खामियों को लेकर बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।
एचडीएफसी बैंक ने अखबारों में प्रकाशित एक सार्वजनिक नोटिस में कमीशन वापस करने की घोषणा की।
नोटिस में कहा गया, "एचडीएफसी बैंक वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2019-20 के बीच ऑटो रिण वित्तपोषण के तहत जीपीएस उपकरण लेने वाले ऑटो रिण ग्राहकों को जीपीएस उपकरण की कमीशन वापस करेगा।"
इसमें कहा गया कि रिफंड राशि बैंक में पंजीकृत ग्राहकों के पुनर्भुगतान बैंक खाते में डाली जाएगी। बैंक ने साथ ही ग्राहकों से अगले 30 दिनों में संपर्क करने को कहा है।
यह आरोप लगा था कि ऑटो रिण लेनदारों को रिण के साथ 18,000 रुपए से ज्यादा की कीमत पर बैंक से जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।
इससे बैंकों को कोई अन्य उत्पाद बेचने से रोकने वाले मौजूदा नियमों के उल्लंघन के अलावा निजता को लेकर भी सवाल उठे थे क्योंकि इस तरह के उपकरण से वाहन की जगह की जानकारी हासिल की जा सकती है।
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