सेना ने डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर पर रेल परीक्षण किया

punjabkesari.in Tuesday, Jun 15, 2021 - 10:48 PM (IST)

नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) भारतीय रेलवे ने पश्चिमी ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ पर न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा तक वाहनों और उपकरण से भरी सैन्य ट्रेनों को चलाकर सफल परीक्षण किया। इसने सशस्त्र बलों को जुटाने की क्षमता बढ़ाने में अपनी प्रभावकारिता साबित की। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ऑफ इंडिया’ (डीएफसीसीआईएल) के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को दो परीक्षण किए गए। पहला परीक्षण रेलवे के डिब्बों पर किया गया जबकि दूसरा परीक्षण सैन्य ट्रेन के डिब्बों पर किया गया और दोनों परीक्षणों में भारी उपकरण लादे गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ हमने 430 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दो परीक्षण किए। इन परीक्षणों के अहम पहलू यह हैं कि वे सैन्य आवाजाही के लिए नए रास्ते खोलेंगे। इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद, सैन्य उपकरण सिर्फ 24 घंटे में कोलकाता से लुधियाना भेजे जा सकते हैं और ट्रेनों की गति 65 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी।”
अधिकारियों ने यह भी बताया कि आम तौर पर ऐसी ट्रेनें हर 150 किलोमीटर पर उसपर सवार कर्मचारियों के लिए रूकती हैं, क्योंकि रास्ता लंबा होता है, लेकिन डीएफसी पर कोई ट्रेन इस तरह नहीं रुकेगी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में विकसित "डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) देश भर में माल ढुलाई की आवाजाही तेज करता है। भारतीय सेना ने सोमवार (14 जून) को डीएफसी की प्रभावकारिता को मान्य करते हुए न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा तक वाहनों और उपकरणों से भरी सैन्य ट्रेनों को चलाकर सफल परीक्षण किया ।”
बयान के मुताबिक, “भारतीय सेना द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) और भारतीय रेलवे के साथ करीबी और समकालिक समन्वय से सशस्त्र बलों को जुटाने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी।”
उसमें कहा गया है, “ये परीक्षण राष्ट्रीय संसाधनों के अनुकूलन और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच सहज तालमेल हासिल करने के लिए ''संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण'' का हिस्सा थे।”



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PTI News Agency

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