साइबर सुरक्षा सहयोग बढ़ाएंगे भारत और ऑस्ट्रेलिया
punjabkesari.in Thursday, Jun 10, 2021 - 05:32 PM (IST)
नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 5जी दूरसंचार नेटवर्क और अन्य महत्वपूर्ण सूचना ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर संज्ञान लेते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा साइबर प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा सहयोग पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की पहली बैठक में साइबर क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों के संबंध में अनेक विषयों पर चर्चा की। जेडब्ल्यूजी दोनों देशों के बीच साइबर तथा साइबर आधारित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहयोग के तहत, पांच वर्षीय (2020 - 2025) एक कार्य योजना के कार्यान्व्यन के लिए स्थापित प्रणाली है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘महत्वपूर्ण सूचना ढांचे और 5जी प्रौद्योगिकी तथा इंटरनेट संबंधी उपकरणों की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कौशल और ज्ञान विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए निजी क्षेत्र एवं अकादमी क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।’’
चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवेई के 5जी नेटवर्क के संबंध में वैश्विक सुरक्षा चिंताएं रही हैं। अनेक देशों ने दूरसंचार उपकरणों की अग्रणी उत्पादक कंपनी हुआवेई पर इन चिंताओं को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है।
जेडब्ल्यूजी की इस डिजिटल बैठक से करीब एक साल पहले दोनों देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच ऑनलाइन शिखरवार्ता के दौरान अपने संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के रूप में विस्तार दिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साइबर सुरक्षा के खतरों के मूल्यांकन पर जानकारी का आदान-प्रदान किया और कानून एवं राष्ट्रीय साइबर रणनीतियों पर सूचनाएं भी साझा कीं।’’ उसने कहा कि दोनों पक्ष अगले साइबर नीति संवाद को लेकर आशान्वित हैं।
बैठक में विदेश मंत्रालय में निदेशक (ओशेनिया) पॉलोमी त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय शिष्टमंडल ने भाग लिया, वहीं ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व विदेश और व्यापार विभाग में साइबर मामलों के विशेष सलाहकार रशेल जेम्स ने किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा सहयोग पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की पहली बैठक में साइबर क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों के संबंध में अनेक विषयों पर चर्चा की। जेडब्ल्यूजी दोनों देशों के बीच साइबर तथा साइबर आधारित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहयोग के तहत, पांच वर्षीय (2020 - 2025) एक कार्य योजना के कार्यान्व्यन के लिए स्थापित प्रणाली है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘महत्वपूर्ण सूचना ढांचे और 5जी प्रौद्योगिकी तथा इंटरनेट संबंधी उपकरणों की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कौशल और ज्ञान विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए निजी क्षेत्र एवं अकादमी क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।’’
चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवेई के 5जी नेटवर्क के संबंध में वैश्विक सुरक्षा चिंताएं रही हैं। अनेक देशों ने दूरसंचार उपकरणों की अग्रणी उत्पादक कंपनी हुआवेई पर इन चिंताओं को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है।
जेडब्ल्यूजी की इस डिजिटल बैठक से करीब एक साल पहले दोनों देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच ऑनलाइन शिखरवार्ता के दौरान अपने संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के रूप में विस्तार दिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साइबर सुरक्षा के खतरों के मूल्यांकन पर जानकारी का आदान-प्रदान किया और कानून एवं राष्ट्रीय साइबर रणनीतियों पर सूचनाएं भी साझा कीं।’’ उसने कहा कि दोनों पक्ष अगले साइबर नीति संवाद को लेकर आशान्वित हैं।
बैठक में विदेश मंत्रालय में निदेशक (ओशेनिया) पॉलोमी त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय शिष्टमंडल ने भाग लिया, वहीं ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व विदेश और व्यापार विभाग में साइबर मामलों के विशेष सलाहकार रशेल जेम्स ने किया।
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