ऑक्सीजन सांद्रक मामले में हिरासत में कालरा से पूछताछ की जरूरत : अदालत

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 10:35 PM (IST)

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने व्यवसायी नवनीत कालरा को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी और कालाबाजारी के सिलसिले में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अर्चना बेनीवाल ने दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर कालरा को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने अनुरोध किया था कि कालाबाजारी के पूरे तंत्र और पैसों के लेन-देन का पता लगाने के लिए कालरा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अदालत का विचार है कि कथित अपराध को करने में इस्तेमाल किये गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बचे हुए ऑक्सीजन सांद्रकों की बरामदगी, और उसके द्वारा ठगे गए अन्य पीड़ितों की पहचान.... के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है।’’
अदालत ने कहा कि पुलिस हिरासत में पूछताछ की जरूरत है ताकि ‘‘मैट्रिक्स और क्लासिक मेटल्स के साथ उसके संबंध और संलिप्तता, ऑक्सीजन सांद्रकों की खरीद, उसके फर्म की हुए पैसों के लेन-देन की विस्तृत जानकारी और इस मामले में संलिप्त अन्य सह-आरोपियों की पहचान करने के लिए विस्तृत जांच की आवश्यकता है।’’
कालरा को अब पुलिस हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद 20 मई को अदालत में पेश किया जाएगा।

कालरा को रविवार की रात गुरुग्राम से पकड़ा गया और सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उसके तीन रेस्तरां ‘खान चाचा’, ‘नेगे एंड जू’ और ‘टाउन हॉल’ से कुछ दिन पहले 500 से अधिक ऑक्सीजन सांद्रकों की जब्ती के बाद से वह फरार चल रहा था।

जांच अधिकारी (आईओ) कमल कुमार ने अदालत से कहा कि कालाबाजारी के पीछे पूरी साठगांठ और साजिश का पता लगाने के लिए तथा पैसे के लेन-देन के बारे में जानने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।

सूनवाई के दौरान, अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि कालरा का मामले में सह आरोपियों से आमना-सामना कराया जाना है और दस्तावेज भी बहुत हैं, इसलिए उसकी हिरासत की जरूरत है।

कालरा को पांच दिन की पुलिस हिरासत में देने का अदालत से अनुरोध करते हुए अभियोजक ने कहा, “ साजिश का मामला है। वह गिरफ्तारी से बच रहा था। यह एक गंभीर मामला है। पुलिस हिरासत के बिना जांच एजेंसी के लिए किसी नतीजे पर पहुंचना नामुमकिन होगा।”
पुलिस हिरासत का विरोध करते हुए कालरा के वकील विनीत मल्होत्रा ने कहा कि उसके बैंक विवरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप और गैजेट पहले से ही पुलिस के पास उपलब्ध हैं और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।

मल्होत्रा ने कहा, “ केवल वास्तविक आवश्यकता के मामलों में ही रिमांड दी जानी चाहिए। उन्हें किस उद्देश्य के लिए हिरासत की आवश्यकता है? उन्हें जो सूचना चाहिए हमसे ले सकते हैं। पुलिस हिरासत का अनुरोध बेतुका है।’’
गौरतलब है कि जिला अदालत ने 13 मई को कालरा की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कारोबारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं और ‘‘पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए’’ उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है।

इसके बाद, आरोपी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। उसने भी निचली अदालत के फैसले से सहमत होते हुए उसकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

हाल में की गयी छापेमारी के दौरान कालरा के तीन रेस्तरां ‘खान चाचा’, ‘नेगे एंड जू’ और ‘टाउन हॉल’ से 524 ऑक्सीजन सांद्रक बरामद किए गए थे। इसके बाद मामले की जांच दिल्ली की अपराध शाखा को सौंप दी गई थी।

पुलिस ने दावा किया है कि ये सांद्रक चीन से आयातित हैं और इन्हें वह 50 हजार रुपये से लेकर 70 हजार रुपये तक में बेच रहा था, जबकि इनकी असल कीमत 16 हजार रुपये से 22 हजार रुपये के बीच है।

ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (जालसाजी), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (समान इरादे से काम करना) के तहत कालरा के खिलाफ पांच मई को एक मामला दर्ज किया गया था।


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