टीकाकरण अभियान में अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता बहुत प्रभावी साबित हुई: मोदी

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 10:35 PM (IST)

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को टीकाकरण अभियान में सर्वोच्च प्राथमिकता देने की रणनीति का फायदा दूसरी लहर में देश को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि टीकों से अधिकतर चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई है।

कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में योगदान दे रहे चिकित्सकों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे जांच हो या दवाओं की आपूर्ति या फिर नये संसाधनों की रिकार्ड समय में स्थापना, ये सभी काम तीव्र गति से हो रहा है।

प्रधानमंत्री का यह दावा ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल टीकाकरण अभियान और कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रबंधन को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

चिकित्सकों से संवाद के दौरान उन्होंने इस महामारी से मिली सीख के बारे में चिकित्सकों के अनुभव सुने और उनसे सुझाव भी मांगे।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने नित्य कामकाज में ऑक्सीजन की आपूर्ति का हिसाब रखने को भी शामिल करें और साथ ही जो मरीज अपने घरों में पृथकवास में हैं उनके इलाज में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन सुनिश्चित करें।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में कोविड केयर केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों के समूह के अलावा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), स्वास्थ्य सचिव, पीएमओ, विभिन्न मंत्रालयों और केंद्र सरकार के विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान उत्पन्न हुई असाधारण परिस्थितियों के बीच कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिए समूचे चिकित्सीय समुदाय की सराहना की और कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति की विभिन्न चुनौतियों से निपटा गया है और मानव संसाधन को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें एमबीबीएस छात्रों को कोविड उपचार में लगाना और आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि घरों में इलाजरत मरीजों के उपचार में टेलीमेडिसीन बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है और इसका दायरा अब ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाना चाहिए।

गांवों में टीम बनाकर टेलीमेडिसीन की सेवा दे रहे चिकित्सकों की सराहना करते हुए उन्होंने देश भर के चिकित्सकों से अपील की कि वह भी ऐसी ही टीमें बनाकर एमबीबीएस छात्रों को प्रशिक्षित कर तहसील और जिलों में टेलीमेडिसीन सेवा दें।

पीएमओ के मुताबिक संवाद के दौरान चिकित्सकों ने महामारी की ताजा लहर में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन की सराहना की।

इस दौरान चिकित्सकों ने महामारी से लड़ाई में अपने अनुभव के साथ ही अनुपम व नवोन्मेषी प्रयास प्रधानमंत्री से साझा किए।

बाद में प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘देश भर के चिकित्सकों के साथ संवाद किया। उन्होंने कोविड-19 से संबंधित अपने अनुभवों पर आधारित कई जानकारियां दीं। संकट के इस समय में हमारे चिकित्सकों की दृढ़ता अनुकरणीय रही।’’
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं और विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि भारत में सोमवार को कोविड-19 के 2,81,386 नए मामले सामने आए। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,49,65,463 हो गई। पिछले 27 दिन में एक दिन में सामने आए ये सबसे कम नए मामले हैं।

संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 4,106 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 2,74,390 हो गई।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार की सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 35,16,997 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 14.09 प्रतिशत है।

आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से कुल 2,11,74,076 लोग उबर चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 84.81 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.10 प्रतिशत है।



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