भारत और ब्रिटेन विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे

punjabkesari.in Friday, May 07, 2021 - 04:53 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारत और ब्रिटेन स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में संचालित ‘स्टेम’ विषयों के पाठ्यक्रम में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने सहित विज्ञान, प्रौद्योगिक और नवोन्मेष के क्षेत्र में सहयोग और मजबूत करेंगे। यह जानकरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)ने शुक्रवार को दी।
विभाग ने बताया कि दोनों पक्ष ‘स्टेम’ (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा) विषयों में महिलाओं की समान भागीदारी का महौल बनाने के लिए काम करेंगे और इसे ‘जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशन’(जीएटीआई) परियोजना जैसी नई पहल के माध्यम से अंजाम दिया जाएगा।
चार मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने डिजिटल माध्यम से बैठक की और दोनों नेताओं ने परिवर्तनकारी बृहद रणनीतिक साझेदारी के समान दृष्टिकोण अपनाने और अगले 10 साल में सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वकांक्षी ‘भारत-ब्रिटेन रोडमैप 2030’ पर सहमति जताई।
डीएसटी ने बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने विज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और नवोन्मेष में साझेदारी को बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और अगले मंत्रीस्तरीय विज्ञान और नवोन्मेष परिषद के मुद्दे पर आगे बढ़े।
बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों नेता भारत और ब्रिटेन के बीच मौजूदा टीका साझेदारी को और बढ़ाने व मजबूत करने पर सहमत हुए, कोविड-19 टीका विकसित करने में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साझेदारी को रेखांकित किया। इस टीके को ब्रिटेन में विकसित किया गया, इसका निर्माण भारत में हो रहा है और इसे पूरी दुनिया में वितरित किया जा रहा है।’’


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PTI News Agency

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