दिल्ली में दो नगर निगमों ने दाह-संस्कार में गाय के गोबर के उपलों के उपयोग की अनुमति दी
punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 09:11 PM (IST)
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) कोविड-19 से हो रही मौतों की बढ़ती संख्या और दाह-संस्कार के लिए लकड़ी की कमी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में दो नगर निगमों ने मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोलबर से बने उपलों के उपयोग की अनुमति दे दी है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी गऊशालाओं से कहा गया है कि वे गाय के गोबर से उपले बनाने की मशीनें अपने यहां लगाएं। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि से इन मशीनों को लगाने के लिए धन दिया जाएगा।
कोविड-19 महामारी से हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
एक परिपत्र के अनुसार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न शमशानों में मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोबर से बने उपलों के उपयोग को अनुमति दे दी है।
उसमें कहा गया है कि पराली और गाय का गोबर मिलाकर बनने वाले उपलों को बनाने में निगम एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य सामाजिक संगठनों से मदद लेगा और विभिन्न शमशानों में लकड़ी के स्थान पर उपले उपलब्ध कराएगा।
वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने भी कहा कि उन्होंने भी सात-आठ दिन पहले ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी गऊशालाओं से कहा गया है कि वे गाय के गोबर से उपले बनाने की मशीनें अपने यहां लगाएं। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि से इन मशीनों को लगाने के लिए धन दिया जाएगा।
कोविड-19 महामारी से हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
एक परिपत्र के अनुसार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न शमशानों में मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोबर से बने उपलों के उपयोग को अनुमति दे दी है।
उसमें कहा गया है कि पराली और गाय का गोबर मिलाकर बनने वाले उपलों को बनाने में निगम एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य सामाजिक संगठनों से मदद लेगा और विभिन्न शमशानों में लकड़ी के स्थान पर उपले उपलब्ध कराएगा।
वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने भी कहा कि उन्होंने भी सात-आठ दिन पहले ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
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