पुडुचेरी में छह सीटें जीतकर भाजपा ने राजग को दिलाई सत्ता
punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 02:28 PM (IST)
पुडुचेरी, तीन मई (भाषा) पुडुचेरी में पहली बार भाजपा सरकार को हिस्सा बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव में उसने छह सीटें जीतकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
तीस सीटों की विधानसभा वाले इस केंद्र शासित प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस (एआईएनआरसी) 10 सीटें जीती और भाजपा की छह सीटों के साथ राजग ने बहुमत के लिए आवश्यक 16 के जादुई आंकड़े को पा लिया।
इससे पहले पुडुचेरी की विधानसभा में भाजपा का प्रतिनिधि 1990 में पहुंचा था।
भाजपा के जिन प्रमुख नेताओं ने जीत दर्ज की उनमें पूर्व लोक निर्माण विभाग के मंत्री ए नमासिवायम भी शामिल हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की उपस्थिति में भगवा दल का दामन थाम लिया था।
उन्होंने मन्नाडीपेट विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इससे पहले वह विलियनूर और उझावरकरायी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उनके बाद कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं ने या तो भाजपा या फिर एआईएनआरसी का दामन थाम लिया था।
भाजपा के जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की उनमें कामराज नगर से ए जॉन कुमार, नेल्लिथेपे से उनके पुत्र रिचर्ड्स जॉन कुमार, कालापेट से एआईएनआरसी के पूर्व विधायक पी एम एल कल्याणसुंदरम, मानावेली से ई सेलवम और औसुडू जे सर्वनन कुमार शामिल हैं।
भाजपा को इस चुनाव में उसके अध्यक्ष की हार के रूप में एक झटका भी लगा। प्रदेश अध्यक्ष वी सामीनाथन को लावसपेट से कांग्रेस के उम्मीदवार एम वैथीनाथन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने यहां की 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से दो ही जीत का स्वाद चख सके। कांग्रेस के सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम को छह सीटों पर जीत मिली।
छह निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है। केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
तीस सीटों की विधानसभा वाले इस केंद्र शासित प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस (एआईएनआरसी) 10 सीटें जीती और भाजपा की छह सीटों के साथ राजग ने बहुमत के लिए आवश्यक 16 के जादुई आंकड़े को पा लिया।
इससे पहले पुडुचेरी की विधानसभा में भाजपा का प्रतिनिधि 1990 में पहुंचा था।
भाजपा के जिन प्रमुख नेताओं ने जीत दर्ज की उनमें पूर्व लोक निर्माण विभाग के मंत्री ए नमासिवायम भी शामिल हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की उपस्थिति में भगवा दल का दामन थाम लिया था।
उन्होंने मन्नाडीपेट विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इससे पहले वह विलियनूर और उझावरकरायी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उनके बाद कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं ने या तो भाजपा या फिर एआईएनआरसी का दामन थाम लिया था।
भाजपा के जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की उनमें कामराज नगर से ए जॉन कुमार, नेल्लिथेपे से उनके पुत्र रिचर्ड्स जॉन कुमार, कालापेट से एआईएनआरसी के पूर्व विधायक पी एम एल कल्याणसुंदरम, मानावेली से ई सेलवम और औसुडू जे सर्वनन कुमार शामिल हैं।
भाजपा को इस चुनाव में उसके अध्यक्ष की हार के रूप में एक झटका भी लगा। प्रदेश अध्यक्ष वी सामीनाथन को लावसपेट से कांग्रेस के उम्मीदवार एम वैथीनाथन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने यहां की 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से दो ही जीत का स्वाद चख सके। कांग्रेस के सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम को छह सीटों पर जीत मिली।
छह निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है। केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।
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