राजद्रोह कानून को चूनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

punjabkesari.in Friday, Apr 30, 2021 - 09:32 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायूमर्ति के एम जोसेफ की पीठ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी),1860 की धारा 124-ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत राजद्रोह के अपराध में सजा दी जाती है।

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेमचा और छत्तीसगढ़ के पत्रकार कन्हैया लाल शुक्ला की ओर से दायर याचिका में उच्चतम न्यायालय से धारा 124-ए को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया।

याचिका में दावा किया गया कि धारा 124-ए भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है जोकि संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के तहत प्रदान किया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि वे अपनी संबंधित राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार के समक्ष सवाल उठा रहे हैं और सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर उनके द्वारा की गई टिप्पणियों एवं कार्टून साझा करने के चलते 124-ए के तहत उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

याचिकाकर्ताओं ने इस कानून के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News