फसल की कटाई के बाद दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन में आ रहे हैं और किसान : एसकेएम
punjabkesari.in Wednesday, Apr 21, 2021 - 10:12 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि फसल की कटाई के बाद बड़ी संख्या में किसानों का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को मजबूत करने के लिये दिल्ली की तरफ आना शुरू हो गया है।
मोर्चा ने कहा कि केंद्र के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध दूर करने का एक ही रास्ता है तीनों विवादित कानूनों को रद्द करना और ऐसा कानून लेकर आना जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे।
कई किसान संघों के सामूहिक संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के किसान बड़ी संख्या में बीते 146 दिनों से दिल्ली से लगे सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने तथा फसल के लिए एमएसपी का नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं।
एसकेएम नेता दर्शन पाल ने एक बयान में कहा, “एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघू, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार भी किसानों की सेहत को लेकर समान रूप से चिंतित है तो उसे तत्काल तीनों कानून निरस्त करने चाहिए और एमएसपी पर एक नया कानून लाना चाहिए। यह एक मात्र समाधान है जिस पर किसान प्रदर्शन वापस लेंगे अन्यथा यह दिन प्रतिदिन बड़ा होता जाएगा।”
प्रेस क्लब जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रेस वार्ता में डिजिटल तरीके से शामिल हुए पाल ने दावा किया कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के एक घोषणापत्र का उल्लंघन कर कानून बनाते हुए किसान, किसान संगठनों, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों, किसान समर्थक अर्थशास्त्रियों, राजनीतिक विज्ञानियों या राजनीतिक दलों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मोर्चा ने कहा कि केंद्र के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध दूर करने का एक ही रास्ता है तीनों विवादित कानूनों को रद्द करना और ऐसा कानून लेकर आना जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे।
कई किसान संघों के सामूहिक संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के किसान बड़ी संख्या में बीते 146 दिनों से दिल्ली से लगे सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने तथा फसल के लिए एमएसपी का नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं।
एसकेएम नेता दर्शन पाल ने एक बयान में कहा, “एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघू, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार भी किसानों की सेहत को लेकर समान रूप से चिंतित है तो उसे तत्काल तीनों कानून निरस्त करने चाहिए और एमएसपी पर एक नया कानून लाना चाहिए। यह एक मात्र समाधान है जिस पर किसान प्रदर्शन वापस लेंगे अन्यथा यह दिन प्रतिदिन बड़ा होता जाएगा।”
प्रेस क्लब जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रेस वार्ता में डिजिटल तरीके से शामिल हुए पाल ने दावा किया कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के एक घोषणापत्र का उल्लंघन कर कानून बनाते हुए किसान, किसान संगठनों, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों, किसान समर्थक अर्थशास्त्रियों, राजनीतिक विज्ञानियों या राजनीतिक दलों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।